डोनाल्ड ट्रंप का दावा- चीन की लैबोरेट्री से निकला कोरोना वायरस, सबूत मिले
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने इस बात के सबूत देखे हैं कि कोरोना वायरस वुहान की लैबोरेट्री में तैयार हुआ है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने ट्रंप से सवाल किया कि क्या उन्होंने ऐसी कोई चीज देखी है, जिससे उन्हें यह भरोसा हुआ है कि कोरोना वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से निकला है? इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ऐसी चीज देखी है।
सबूत के बारे में ट्रंप ने नहीं दी कोई जानकारी
ट्रंप ने कोरोना वायरस के वुहान से निकलने की बात पर कहा, "हमारे लोग इसकी जांच कर रहे हैं। हमारे वैज्ञानिक, समझदार लोग और दूसरे इसकी कड़ी जांच कर रहे हैं। मुझे लगता है हमें इसका जवाब मिल जाएगा। हो सकता है कि चीन भी हमें बता दे।" जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने क्या सबूत देखे हैं कि कोरोना वायरस चीन से निकला है ट्रंप ने कहा कि वो यह नहीं बता सकते। उन्हें इसकी इजाजत नहीं है।
WHO चीन की पब्लिक रिलेशन एजेंसी- ट्रंप
ट्रंप ने अपने जवाब में चीन के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि WHO को शर्म आनी चाहिए। वो चीन के लिए एक पब्लिक रिलेशन (PR) एजेंसी की तरह काम कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पहले WHO के लिए सिफारिशें लेकर आएगा फिर चीन पर कुछ कदम उठाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "WHO ने हमें गुमराह किया। हम जल्दी सिफारिश लेकर आएंगे, लेकिन हम संगठन से खुश नहीं हैं।"
अमेरिकी एजेंसियों के विपरित है ट्रंप का दावा
गौरतलब है कि ट्रंप का यह दावा अमेरिकी एजेंसियों की उस बात के विपरित है, जिसमें एजेंसियों ने कहा था कि कोरोना वायरस इंसान का बनाया हुआ नहीं है। ट्रंप पहले भी कई बार इसे लेकर चीन को निशाना बना चुके हैं।
अमेरिकी एजेंसी ने कही यह बात
ट्रंप के इस दावे से पहले अमेरिका के नेशनल इंटेलीजेंस के डायरेक्टर के ऑफिस ने कहा था कि वैज्ञानिक इस बात से सहमत है कि कोरोना वायरस इंसान का बनाया हुआ नहीं है। बयान में कहा गया कि सामने आ रही सूचनाओं और जानकारी के आधार पर इस बात की जांच की जा रही है कि यह वायरस किसी संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से शुरू हुआ या वुहान की लैबोरेट्री में हुए हादसे का नतीजा है।
चीन को लगातार निशाना बना रहा है अमेरिका
अमेरिका लगातार कोरोना वायरस की शुरुआत के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराता आया है। कुछ सप्ताह पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने भी इसे लेकर चीन पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, "हमें पता है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी वेट मार्केट से थोड़ी ही दूर स्थित है, जहां से वायरस शुरू हुआ था।" अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन स्थित अमेरिकी दूतावास ने इस खतरे को लेकर 2018 में भी चेताया था।
चीन ने किया आरोपों का खंडन
चीनी सरकार ने अमेरिका के इन दावों का खंडन किया है। चीन का कहना है कि ऐसे सभी दावे, जिनमें यह कहा गया है कि कोरोना वायरस वुहान लैब से निकला है, निराधार है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने वुहान इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर के बयान का हवाला देते हुए कहा कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में सभी जैव-सुरक्षा नियमों का पालन होता है, जिससे किसी वायरस का बाहर आना असंभव है।
'अमेरिकी लोगों का ध्यान बंटाने के लिए चीन को निशाना बना रहे ट्रंप'
वहीं चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने गुरुवार को संपादकीय में लिखा कि ट्रंप अपनी प्रशासनिक विफलता से अमेरिकी लोगों का ध्यान हटाने के लिए चीन को निशाना बना रहे हैं।
अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित
अमेरिका कोरोना वायरस से दुनिया का सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। यहां अब तक 10 लाख से ज्यादा लोग महामारी से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से लगभग 63,000 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अगर पूरी दुनिया की बात करें तो 32.5 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 2.33 लाख लोगों की मौत हुई है और 10 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं।