श्रीलंका में संसदीय चुनाव के लिए मतदान जारी, राष्ट्रपति दिसानायके के लिए क्यों है अग्निपरीक्षा?
श्रीलंका में आज संसदीय चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं। संसद की 225 सीटों के लिए 1.70 करोड़ लोग मतदान के पात्र हैं। यह चुनाव नए राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि उन्हें अपने चुनावी वादे पूरे करने के लिए संसद में बहुमत की जरूरत है। उनके गठबंधन नेशनल पीपुल्स पॉवर (NPP) पार्टी को संसद में बहुमत के लिए कम से कम 113 सीटें जीतना जरूरी है।
8,800 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में
13,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर सुबह 7 से लेकर शाम 4 बजे तक मतदान होगा। 690 राजनीतिक पार्टियों और स्वतंत्र उम्मीदवारों को मिलाकर कुल 8,800 उम्मीदवार मैदान में है। ये चुनाव 22 जिलों की सीटों पर आनुपातिक आधार पर होंगे। नतीजे मतदान के अगले दिन यानी 15 नवंबर को आने की उम्मीद है। सर्वेक्षणों में माना जा रहा है कि दिसानायके की पार्टी को चुनावों में जीत मिल सकती है।
क्यों हो रहे हैं चुनाव?
दरअसल, सितंबर 2024 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में दिसानायके को जीत मिली थी, लेकिन वे 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल नहीं कर पाए थे। संसद में उनकी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) NPP गठबंधन का नेतृत्व करती है, लेकिन उसके पास केवल 3 ही सांसद हैं। ऐसे में अपनी नीतियों को बढ़ाने के लिए दिसानायके संसद में बहुमत चाहते हैं। सितंबर में राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही उन्होंने संसद भंग कर मध्यावधि चुनाव के आदेश दिए थे।
कैसे होता है मतदान?
मतदाता आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर 22 निर्वाचन क्षेत्रों से संसद के लिए 196 सदस्यों का सीधे चुनाव करते हैं। बाकी की 29 सीटें आनुपातिक वोट के अनुसार आवंटित की जाती है। यानी जिस पार्टी को जितने वोट मिलेंगे, उसके मुताबिक उसे 29 सीटों में हिस्सा मिलेगा। मतदाता अपनी पसंद की पार्टी से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए अधिकतम 3 वरीयता वोट डाल सकता है। मतदान के तुरंत बाद ही मतगणना शुरू हो जाती है।
कौन-कौन हैं मैदान में?
चुनाव में दिसानायके की NPP का मुकाबला पूर्व प्रधानमंत्री सजिथ प्रेमदासा की समागी जन बलवेगया (SJB) पार्टी, पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP), न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट (NDF) और राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (SLPP) से हो रहा है। UNP के प्रमुख विक्रमसिंघे पार्टी से अलग हुए न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट (NDF) के उम्मीदवारों का समर्थन कर रहे हैं। 88 सालों में पहली बार राजपक्षे परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है।
राष्ट्रपति चुनावों में दिसानायके को मिली थी जीत
सितंबर में श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनावों में दिसानायके ने जीत दर्ज की थी और देश के 10वें राष्ट्रपति बने थे। दिसानायके को 42 जबकि उनके विपक्षी उम्मीदवार सजीथ प्रेमदासा को 32 प्रतिशत वोट मिले थे। 17 प्रतिशत वोट के साथ रानिल विक्रमसिंघे तीसरे स्थान पर रहे थे। पहले चरण में किसी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिलने के बाद दूसरे चरण की मतगणना में दिसानायके को जीत मिली थी।