श्रीलंका के पास बचा सिर्फ एक दिन का पेट्रोल स्टॉक, बढ़ सकती है बिजली कटौती- प्रधानमंत्री
क्या है खबर?
अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात हर दिन के साथ बिगड़ते जा रहे हैं। महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री बने रानिल विक्रमसिंघे भी हालातों में सुधार नहीं ला पा रहे हैं।
सोमवार को उन्होंने देश के नाम संबोधन में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि श्रीलंका के पास सिर्फ एक दिन का पेट्रोल स्टॉक बचा है और बिजली की कमी से दैनिक कटौती भी 15 घंटे तक पहुंच सकती है।
प्रस्ताव
प्रधानमंत्री ने दिया श्रीलंकाई एयरलाइंस के निजीकरण का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा कि बिगड़ते हालातों के बीच वह घाटे में चल रही श्रीलंकाई एयरलाइंस के निजीकरण का प्रस्ताव दे रहे हैं। देश के लिए यह बड़ा नुकसान है, लेकिन संकटग्रस्त देश को बचाने के लिए इसे सहन करना होगा।
उन्होंने कहा कि दवाइयों के लिए तत्काल भुगतान करने की जरूरत है। वर्तमान में 14 आवश्यक दवाइयों की कमी है। बैंकों में डॉलर की कमी के कारण सरकार अब धन जुटाने के अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।
पेट्रोल-डीजल
"देश में बचा केवल एक दिन का पेट्रोल स्टॉक"
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा, "हम कई गंभीर चिंताओं का सामना कर रहे हैं। हमें अगले कुछ दिनों में 75 मिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त करने होंगे। फिलहाल हमारे पास सिर्फ एक दिन के लिए पेट्रोल का स्टॉक है। हाल ही में आए डीजल शिपमेंट से डीजल की कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी, लेकिन यह नाकाफी साबित हो सकती है।"
उन्होंने कहा, "भारतीय क्रेडिट लाइन से पेट्रोल और डीजल के दो-दो शिपमेंट राहत प्रदान कर सकते हैं।"
जानकारी
15 घंटे तक पहुंच सकती है बिजली कटौती
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा तेल की कमी के कारण बिजली संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में दैनिक बिजली कटौती 15 घंटे तक बढ़ जाएगी। हालांकि, संकट को टालने के लिए कुछ पैसा प्राप्त हो गया है।
नुकसान
2.4 ट्रिलियन श्रीलंकाई रुपये के पार पहुंचा नुकसान- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा कि इस समय श्रीलंका की अर्थव्यवस्था बेहद अनिश्चित है। पूर्व सरकार के बजट में 2.3 ट्रिलियन श्रीलंकाई रुपये (SLR) और 1.6 ट्रिलियन SLR के राजस्व का अनुमान है। इस वर्ष के लिए अनुमानित सरकारी व्यय 3.3 ट्रिलियन SLR है।
उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में वृद्धि और पूर्व सरकार के अतिरिक्त व्यय के कारण कुल सरकारी व्यय चार ट्रिलियन SLR और घाटा 2.4 ट्रिलियन SLR है। यह देश की GDP का 13 प्रतिशत हिस्सा है।
निर्णय
"ट्रेजरी बिल जारी करने की स्वीकृत सीमा को बढ़ाया"
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा, "आज कैबिनेट ने ट्रेजरी बिल जारी करने की स्वीकृत सीमा को 3,000 बिलियन से बढ़ाकर 4,000 बिलियन करने के लिए संसद में एक प्रस्ताव पेश करने का निर्णय लिया है। इसी तरह अमेरिकी डॉलर प्राप्त करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "अगले कुछ महीने लोगों की जिंदगी के सबसे कठिन होंगे। ऐसे में लोगों को इस अवधि की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।"
योजना
वैकल्पिक बजट पेश करने की योजना बनाई
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा, "हमने 2022 के प्रस्तावित विकास बजट के लिए एक नया वैकल्पिक बजट पेश करने की योजना बनाई है। इसे रियायती बजट के रूप में पेश करने का इरादा है। अल्पावधि में मुद्रास्फीति बढ़ने की भी संभावना है।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हमें सरकारी वेतन का भुगतान करने के लिए पैसे प्रिंट करना जारी रखना होगा और आवश्यक जरूरतों के लिए भुगतान भी करना होगा। इससे कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।"
पृष्ठभूमि
राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे ने संभाली देश की कमान
श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट के कारण लोग पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के विरोध में उतर आए थे और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
8 मई को इसको लेकर राजधानी कोलंबो सहित कई इलाकों में हिंसा भी हुई थी। इसके बाद 9 मई को राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
उसके बाद 12 मई को नई सरकार का गठन किया गया और विक्रमसिंघे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था।
स्थिति
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसके पास विदेशी मुद्रा खत्म हो चुकी है और वह जरूरी चीजें आयात नहीं कर पा रहा है।
देश में डीजल खत्म होने से वाहन चलना बंद हो गए। उत्पादन के अभाव में बिजली संकट भी गहरा रहा है और 13 घंटे का पावर कट हो रहा है। महंगाई से आम जरूरत की चीजें बेहद महंगी बिक रही हैं।