ईस्टर हमले के बाद श्रीलंका में सबसे बड़ी सांप्रदायिक हिंसा, व्यक्ति की धारदार हथियार से हत्या
ईस्टर बम धमाकों के बाद श्रीलंका में सांप्रदायिक हिंसा के ताजा मामले में मस्जिदों और दुकानों पर हमला किया गया और एक मुस्लिम व्यक्ति की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। बम धमाकों के बाद यह सांप्रदायिक हिंसा का सबसे बड़ा मामला है, जिसमें कई गांवों को निशाना बनाया गया। बता दें कि 21 मई को ईस्टर के मौके पर देश के कई चर्चों और प्रसिद्ध होटलों पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें लगभग 260 लोग मारे गए थे।
जिहादी संगठन ने दिया था धमाकों को अंजाम
ईस्टर बम धमाकों को जिहादी संगठन नेशनल तौहीद जमात के आतंकियों ने अंजाम दिया था। इस्लामिक स्टेट (IS) ने भी इन हमलों की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद से ही देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही थी।
दो बस भरकर आए थे हमलवार
सोमवार दोपहर को श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी प्रांत के कुरुनेगाला जिले के कई गांवों में हुई इस सांप्रदायिक हिंसा में कई मस्जिदों पर हमला किया गया और कई घरों और दुकानों को जला दिया गया। दो बस भरकर आए लोगों ने स्थानीय गुंडों की सहायता से इन हमलों को अंजाम दिया। हमले में एक 45 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। वह बढ़ई की दुकान चलाता था।
देश में लगाया गया कर्फ्यू
देश के अन्य इलाकों में भी हिंसा ना फैले, इस कारण इलाके के साथ-साथ पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है। देश के सेनाध्यक्ष महेश सेनानायके ने कहा है कि सैनिकों को कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के साथ सख्ती से पेश आने का आदेश दिया गया है और ऐसा करने वालों को देखते ही गोली मार दी जाएगी। वहीं, श्रीलंका सरकार ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
प्रायोजित हो सकती हैं हिंसा
वहीं, इस सांप्रदायिक हिंसा के प्रयोजित होने की आशंका भी जताई जा रही है। श्रीलंका मुस्लिम परिषद के उपाध्यक्ष हिलमी अहमद ने कहा, "भीड़ का बस में भरकर आना दिखाता है कि हमलों की योजना पहले से बनाई गई थी। यह पहले हुए मुस्लिम विरोधी हमलों की तरह ही है।" मामले में दो राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से संबंधित एक सांसद पर भी शक की हुई है। अभी तक दो लोगों को हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया जा चुका है।