श्रीलंका बम धमाके: पढ़े-लिखे और अच्छे परिवारों से थे आत्मघाती हमलावर, एक महिला भी शामिल
श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों में मरने वालों की संख्या 359 हो गई है, जबकि 500 से ऊपर लोग घायल हुए हैं। इस बीच जांच में सामने आया कि धमाकों को अंजाम देने वाले आत्मघाती हमलावर अच्छी तरह से शिक्षित थे और अच्छे परिवारों से ताल्लुक रखते थे। जांच के अनुसार, 9 आत्मघाती हमलावरों में एक महिला भी शामिल थी। उधर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने माना कि हमलों को रोका जा सकता था।
विदेशों में पढ़कर आए थे कुछ हमलावर
श्रीलंका के रक्षा राज्य मंत्री रुवान विजेवर्धने ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए हमलावरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ज्यादातर हमलावर काफी पढ़े-लिखे थे और अच्छे परिवारों से आते थे। उन्होंने कहा, "उनमें से कुछ दूसरे देशों में पढ़ चुके थे और उनके पास कानून की डिग्रियां थी।" एक आतंकवादी UK में पढ़कर आया था और फिर ऑस्ट्रेलिया से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद श्रीलंका में रहने लगा था।
पहले सामने आई थी 7 आत्मघाती हमलावर शामिल होने की बात
हमलों के बाद श्रीलंका सरकार ने इनमें 7 आत्मघाती हमलावर शामिल होने की बात कही थी। इनमें से 6 का आपराधिक रिकॉर्ड साफ सुथरा था और उनके नाम पहले से कोई मामला दर्ज नहीं था। एक हमलावर को कोर्ट से बरी किया गया था।
श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने कहा, भारत ने दी थी खुफिया जानकारी
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने NDTV से बात करते हुए स्वीकार किया कि भारत ने उन्हें हमले की खुफिया जानकारी दी थी, लेकिन उनकी तरफ से लापरवाही बरती गई। हमले के संबंध में हुई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि हमलों को रोका जा सकता था। इस बीच उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी कई संदिग्ध विस्फोटक लेकर घूम रहे हैं। हालांकि, उन्होंने उनकी संख्या की सही जानकारी होने से इनकार किया।
मंत्री का दावा, शीर्ष खुफिया अधिकारियों ने जानबूझ कर दबाई जानकारी
वहीं, संसद के नेता और सार्वजनिक उद्योग मंत्री लक्ष्मण किरिएला ने संसद को जानकारी देते हुए कहा कि वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों ने जानबूझ कर मामले की खुफिया जानकारी दबा कर रखी। उन्होंने कहा, "कुछ शीर्ष खुफिया अधिकारियों ने खुफिया जानकारी को जानबूझ कर छुपाया। जानकारी उपलब्ध थी, लेकिन शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हमलों को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए।" उन्होंने बताया कि मामले में अब तक 60 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
न्यूजीलैंड ने क्राइस्टचर्च गोलीबारी से संबंध होने से किया इनकार
वहीं, न्यूजीलैंड ने अपनी जांच में दोनों हमलों के बीच संबंध का कोई सबूत न मिलने की बात कही है। प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न के कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, "न्यूजीलैंड को अभी तक ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला है जिससे दोनों हमलों को संबंध साबित हो सके।" कल विजेवर्धने ने धमाकों को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मस्जिदों पर हुई गोलीबारी के बदले में की गई कार्रवाई बताया था। वहीं, अब मामले की जांच से इंटरपोल भी जुड़ गया है।
IS ले चुका है धमाकों की जिम्मेदारी
श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के मौके पर चर्चों और आलीशान होटलों में 8 बम धमाके हुए थे। यह धमाके नेशनल तौहीद जमात के आत्माघाती हमलावरों ने किए थे। इसके बाद कल आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अपनी समाचार एजेंसी अमाक के जरिए इन हमलों की जिम्मेदारी ली थी। भारत ने पहले ही श्रीलंका को चर्चों पर हमला होने के बारे में अलर्ट किया था, लेकिन इसके बावजूद श्रीलंका धमाकों को रोकने में नाकाम रहा।