शहबाज शरीफ चुने गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, लगातार दूसरी बार मिली जिम्मेदारी
शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं। संसद में हंगामे और नारेबाजी के बीच उन्हें 336 में से 201 वोट मिले हैं। वे कल प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। शहबाज पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे। बता दें कि पाकिस्तान के आम चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद PML-N और PPP ने गठबंधन सरकार बनाने का फैसला लिया है।
PTI समर्थित उम्मीदवार को मिले 92 वोट
पाकिस्तान की संसद में प्रधानमंत्री बनने के लिए 169 वोटों की जरूरत होती है। शहबाज के प्रतिद्वंद्वी और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रधानमंत्री दावेदार उमर अयूब खान को 92 वोट मिले। शहबाज इससे पहले अप्रैल, 2022 से लेकर अगस्त, 2023 तक भी प्रधानमंत्री रहे हैं। शहबाज पाकिस्तान के 24वें प्रधानमंत्री चुने गए हैं। उन्होंने पाकिस्तान की जनता, सहयोगी पार्टियों और अपने बड़े भाई नवाज शरीफ का आभार व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री चुने जाने पर क्या बोले शहबाज?
शहबाज ने कहा, "इस संसद में प्रतिभाशाली लोग बैठे हैं, जो पाकिस्तान की स्थिति को बेहतर कर सकते हैं। इनमें पत्रकार, बुद्धिजीवी, राजनेता, धार्मिक नेता सभी शामिल हैं। पाकिस्तान के सामने बड़ी चुनौती और अवसर भी हैं। अगर हम साथ आते हैं और पाकिस्तान के भाग्य को बदलने का फैसला करते हैं तो जरूर चुनौतियों को हरा देंगे और पाकिस्तान को उसकी सही स्थिति में ले जाएंगे।" शहबाज ने इस दौरान जुल्फिकार अली भुट्टो को भी याद किया।
कौन हैं शहबाज शरीफ?
शहबाज 3 बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के छोटे भाई और PML-N के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनका जन्म 23 सितंबर, 1951 को लाहौर में हुआ था। उनके पिता बंटवारे से पहले भारत के अमृतसर में रहते थे और 1947 में लाहौर चले गए। शहबाज ने लाहौर की एक सरकारी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद पारिवारिक कारोबार संभाला। शहबाज ने 1988 में पहला चुनाव जीता। उनके नाम सबसे ज्यादा बार पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है।
क्या रहे थे चुनावी नतीजे?
पाकिस्तान के आम चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने 100 से अधिक सीटें जीती थीं। इनमें से ज्यादातर PTI समर्थित हैं। दूसरी तरफ PML-N को 75 और PPP को 54 सीटों पर जीत मिली। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM-P) को 27 सीटें मिलीं, जो फिलहाल नई गठबंधन सरकार का समर्थन कर रही है। बता दें कि सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी का 266 सदस्यीय संसद में से 134 सीटें जीतना जरूरी है। हालांकि, कोई पार्टी इतनी सीटें नहीं जीती।