प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री को दी बधाई, आतंक से मुक्ति का संदेश दिया
क्या है खबर?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बधाई दी।
अपने बधाई संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया और संदेश देते हुए कहा कि भारत आतंक से मुक्त और शांत इलाका चाहता है।
शरीफ भारत के साथ बातचीत के समर्थन रहे हैं, इसलिए उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत होने की संभावना जताई जा रही है।
बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने बधाई संदेश में क्या कहा?
सोमवार रात ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुने जाने पर मियां मोहम्मद शहबाज शरीफ को बधाई। भारत आतंक से मुक्त इलाके में शांति और स्थिरता चाहता है, ताकि हम विकास की अपनी चुनौतियों पर ध्यान दे सकें और हमारे लोगों की भलाई और समृद्धि सुनिश्चित कर सकें।'
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी प्रधानमंत्री मोदी के इस ट्वीट को रिट्वीट किया है।
संबंध
शहबाज शरीफ से भारत को क्या उम्मीद?
शहबाज शरीफ को भारत के साथ बातचीत का हितैषी माना जाता है और कुछ मौकों को छोड़ दिया जाए तो वह भारत के खिलाफ नरम रुख अपनाने रहे हैं। इसी कारण उम्मीद की जा रही है कि उनके कार्यकाल में दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू हो सकती है।
इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय स्यवंसेवक संघ (RSS) पर जमकर निशाना साधतेे थे, जिससे भारत के लिए पाकिस्तान से बातचीत शुरू करना लगभग नामुमकिन हो गया था।
परिचय
कौन हैं शहबाज शरीफ?
शहबाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के छोटे भाई और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
70 वर्षीय शहबाज खुद भी एक कद्दावर नेता हैं और उनके नाम सबसे अधिक बार और सबसे अधिक समय तक पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है।
शहबाज की छवि एक अच्छे प्रशासक की है और शादियों और भ्रष्टाचार को लेकर विवाद के बावजूद वो काफी लोकप्रिय हैं।
चुनाव
सोमवार को निर्विरोध प्रधानमंत्री चुने गए थे शरीफ
शरीफ ने सोमवार को प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। दिन में हुई संसद की कार्यवाही में उन्हें निर्विरोध नया प्रधानमंत्री चुना गया था।
वह इमरान खान की सरकार गिरने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं। शनिवार आधी रात को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में 174 सांसदों ने इमरान सरकार के खिलाफ वोट डाला जो बहुमत के आंकड़े 172 से दो अधिक है।
प्रधानमंत्री पद गंवाने वाले इमरान ने सांसद के पद से भी इस्तीफा दे दिया है।