पुर्तगाल: बेड न मिलने के कारण गर्भवती भारतीय महिला की मौत, स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा
देश के सबसे बड़े अस्पताल में बेड न मिलने के कारण एक गर्भवती भारतीय महिला की मौत के बाद पुर्तगाल की स्वास्थ्य मंत्री मार्टा टेमिडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। टेमिडो के आपातकालीन प्रसूति सेवाएं अस्थायी तौर पर बंद करने के बाद हालिया समय में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं और भारतीय महिला की मौत के बाद उनकी तीखी आलोचना हो रही थी। अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि वह पद पर रहने योग्य नहीं हैं।
क्या है भारतीय महिला की मौत का मामला?
घूमने के लिए पुर्तगाल गई एक गर्भवती भारतीय महिला की मंगलवार को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल से जाने के कारण मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गर्भवती महिला को राजधानी लिस्बन स्थित पुर्तगाल के सबसे बड़े सांता मारिया अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन यहां मैटरनिटी वार्ड में बेड खाली नहीं था जिसके कारण उसे भर्ती नहीं किया गया और साओ फ्रांसिस्को जेवियर अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही उसे हार्ट अटैक आ गया।
हार्ट अटैक के बाद महिला की मौत, लेकिन बच्चे को बचाया गया
हार्ट अटैक आने के बाद पहले महिला को एंबुलेंस में ही CPR दिया गया और फिर उसे फ्रांसिस्को जेवियर अस्पताल के ICU में भर्ती किया गया। हालांकि उसे बचाया नहीं जा सके। महिला की मौत के बाद तुरंत उसका ऑपरेशन किया गया और बच्चे को बचा लिया गया। अस्पताल के अनुसार, बच्चे का वजन 722 ग्राम है और समय से पहले जन्म के कारण उसे नवजात शिशुओं के ICU में भर्ती किया गया है।
महिला की मौत के पांच घंटे बाद ही स्वास्थ्य मंत्री ने दिया इस्तीफा
ये घटना सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर पुर्तगाली सरकार की आलोचना हो रही थी और स्वास्थ्य मंत्री मार्टा टेमिडो पर इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा था। टेमिडो ने भी घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए भारतीय पर्यटक की मौत के पांच घंटे बाद ही इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है। राष्ट्रपति पहले से ही इस्तीफे की उम्मीद कर रहे थे।
चार साल से पुर्तगाल की स्वास्थ्य मंत्री थीं टेमिडो
मार्टा टेमिडो 2018 से पुर्तगाल की स्वास्थ्य मंत्री थी और उन्हें कोरोना वायरस महामारी से अच्छी तरह से निपटने का श्रेय दिया जाता है। उनके उत्तराधिकारी की तलाश की जा रही है और तब तक वह पद पर बनी रहेंगी। 15 सितंबर को मंत्रिमंडल की बैठक होनी है जिसमें नए स्वास्थ्य मंत्री का नाम रखा जा सकता है। मंत्रिमंडल का नए मंत्री के नाम को मंजूरी देना अनिवार्य है। राज्य स्वास्थ्य मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है।