
श्रीलंका जैसी हो सकती है पाकिस्तान की स्थिति, आर्थिक संकट के बीच पूर्व अर्थशास्त्री ने चेताया
क्या है खबर?
आर्थिक मंदी और महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान के हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
एक पूर्व अर्थशास्त्री ने कहा है कि जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो पाकिस्तान की स्थिति श्रीलंका जैसी हो जाएगी।
उनका यह बयान ऐसे वक्त पर आया है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक टीम समीक्षा बैठक के लिए पाकिस्तान के दौरे पर पहुंची है।
बता दें कि IMF की शर्तें नहीं मानने पर पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर आ सकता है।
बयान
पूर्व अर्थशास्त्री ने क्या कहा?
विश्व बैंक के पूर्व अर्थशास्त्री आबिद हसन ने कहा, "हम रास्ते के अंत में हैं। पाकिस्तान सरकार को IMF की शर्तों को पूरा करने के लिए जनता के सामने राजनीतिक मामला पेश करना होगा।"
उन्होंने अपने बयान में आगे कहा, "यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो देश में निश्चित रूप से अभाव पैदा हो जाएगा और हमारी स्थिति श्रीलंका की तरह हो जाएगी, जो कि इससे भी बुरा दौर होगा।"
शर्तें
IMF ने पाकिस्तान के सामने क्या शर्तें रखी हैं?
IMF ने पाकिस्तान सरकार के सामने बिजली सब्सिडी वापस लेने, गैस और ईंधन की कीमतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने और फ्री-फ्लोटिंग डॉलर जैसी शर्तें रखी हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इन शर्तों को मानने पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को सियासी मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है।
हालांकि, दिवालियापन की संभावना के बीच कई देशों से मदद नहीं मिल पाने के कारण पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकना शुरू कर दिया है।
वृद्धि
पाकिस्तान में ईंधन और खाद्य पदार्थों की कीमत में भारी वृद्धि
पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 35 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी थीं।
इसके अलावा पाकिस्तान में प्याज की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। पाकिस्तान में प्याज की कीमत 220 से 250 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।
देश में चावल, दाल और गेहूं की कीमतों में भी एक साल के अंदर करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण महंगाई और किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
पृष्ठभूमि
पाकिस्तान में क्यों बढ़ रही है महंगाई?
पाकिस्तान सरकार पर खराब अर्थव्यवस्था के चलते लगातार विदेशी कर्ज बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण पाकिस्तान में आर्थिक तंगी हो गई है और महंगाई दर में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
पाकिस्तान कर्ज में डूबा हुआ है और आटे जैसी जरूरी सामग्री का आयात भी नहीं हाे पा रहा है। देश के बंदरगाहाें पर खाद्य सामग्री और दवाएं अटकी पड़ी हैं क्योंकि पाकिस्तान इनका भुगतान नहीं कर पा रहा है। बाढ़ ने स्थिति को और बदतर किया है।
स्थिति
श्रीलंका में क्या हुआ था?
श्रीलंका के आर्थिक संकट की शुरूआत कोविड महामारी के आगमन के साथ हुई थी। इसके कारण पर्यटन पर बहुत बुरा असर पड़ा, जिसकी देश की GDP में 10 प्रतिशत से अधिक की भागेदारी थी।
विदेशी मुद्रा भंडारण खत्म होने के कारण श्रीलंका जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा था, जिसके कारण महंगाई बढ़ती चली गई।
इसके अलावा अधिक खर्च और टैक्स में कटौती के कारण सरकार की आमदनी में गिरावट हुई, जिससे संकट और गहरा हो गया।