पाकिस्तानी सेना ने आतंक-रोधी केंद्र को स्थानीय तालिबान के कब्जे से छुड़ाया, ढेर किए 33 आतंकी
क्या है खबर?
40 घंटे से अधिक समय तक चले गतिरोध के बाद मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के विशेष बलों ने एक आतंक-रोधी केंद्र पर कब्जा करने वाले तहरीक-ए-तालिबान (TTP) के 33 आतंकियों को मार गिराया।
इन आतंकियों ने रविवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले स्थित आतंक-रोधी केंद्र पर कब्जा किया था और 10 लोगों को बंधक बना लिया था।
उनके खिलाफ चलाए गए अभियान में सैन्य विशेष बलों के दो जवानों भी शहीद हो गए।
घटना
पूछताछ के दौरान सुरक्षाकर्मियों के हथियार छुड़ाकर आतंकियों ने किया था कब्जा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बन्नू के कैंट इलाके में स्थित आतंक-रोधी केंद्र पर कब्जा करने वाले TTP के आतंकी इसी केंद्र में बंद थे और रविवार को उनसे पूछताछ की जा रही थी।
इसी दौरान उन्होंने सुरक्षाकर्मियों के हथियार छीनकर उन्हें बंदी बना लिया।
आतंकियों ने वीडियो संदेश जारी कर उन्हें हेलीकॉप्टर से अफगानिस्तान भेजने की मांग की थी और सुरक्षित रास्ता न देने पर बंधकों को मारने की धमकी दी।
बातचीत
विफल रही आतंकियों के साथ अधिकारियों की बातचीत
घटना की सूचना मिलते ही पाकिस्तानी सेना के विशेष बल मौके पर पहुंच गए और इलाके को घेर लिया। सरकार से संबंधित अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और तालिबानी लड़ाकों से बातचीत करते हुए आत्मसमर्पण करने की मांग की।
पाकिस्तान के कुछ मौलवियों ने भी अफगानिस्तान में रह रहे TTP के शीर्ष नेतृत्व से संपर्क साधा और संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की मांग की।
हालांकि शांति से समाधान के ये सारे प्रयास असफल रहे।
स्पेशल ऑपरेशन
बातचीत असफल रहने के बाद सेना ने चलाया स्पेशल ऑपरेशन
बातचीत असफल रहने के बाद मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के विशेष बलों ने स्पेशल ऑपरेशन लॉन्च कर दिया और महज 15 मिनट के अंदर सभी आतंकियों को मार गिराया।
स्थानीय लोगों ने मीडिया से बात करते हुए मंगलवार को धमाकों का आवाज सुनाई देने की बात कही।
अभी तक इस बात की पुष्ट नहीं हो पाई है कि बंधक बनाए गए सुरक्षाकर्मियों में कोई हताहत हुआ या सभी सही-सलामत हैं।
परिचय
क्या है TTP?
कई आतंकी संगठनों ने मिलकर 2007 में TTP की स्थापना की थी। यह अफगानिस्तान के तालिबान से अलग है और इसे पाकिस्तान का सबसे खूंखार आतंकी संगठन माना जाता है।
TTP को अलकायदा का करीबी माना जाता है और यह पाकिस्तान में कई घातक हमले कर चुका है।
2008 में इस्लामाबाद के मेरियट होटल और 2009 में पाकिस्तानी सेना मुख्यालय पर TTP ने ही हमला किया था।
मलाला युसुफजई पर हमले की जिम्मेदारी भी इसी आतंकी संगठन ने ली थी।
सीजफायर
जून में हुआ था सीजफायर, पिछले महीने TTP ने किया खत्म
पाकिस्तान सरकार और TTP के बीच जून में सीजफायर समझौता हुआ था। पिछले महीने TTP ने इसे खत्म करने का ऐलान कर दिया और अपने लड़ाकों से पाकिस्तान में आतंकी हमले करने का आह्वान किया।
अमेरिका की सेंट्रल कमांड के जनरल माइकल ई कुरिल्ला ने कहा कि TTP पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है और अमेरिका इससे चिंतित है। कुरिल्ला ने पिछले महीने पाकिस्तान का दौरा किया था।