आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है पाकिस्तान- अमेरिकी विदेश मंत्रालय
पुलवामा आतंकी हमले के बाद 2019 में पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ कुछ मामूली कदम जरूर उठाए, लेकिन वह अभी भी आतंकियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में ये बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अभी भी अपनी जमीन से उन आतंकी संगठनों को कार्य करने दे रहा है जो भारत और अफगानिस्तान पर हमला करते हैं।
क्या कहा गया है रिपोर्ट में?
'कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2019' नामक अपनी वार्षिक रिपोर्ट में अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है, "पिछले साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हमले के बाद टेरर फाइनेंसिंग का मुकाबला करने और भारत केंद्रित आतंकी संगठनों को बड़े हमले करने से रोकने के लिए पाकिस्तान ने 2019 में मामूली कदम उठाए... हालांकि पाकिस्तान अन्य क्षेत्रीय आतंकी समूहों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है।"
हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई, लेकिन मसूद अजहर के खिलाफ नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद और उसके सहयोगियों को आतंकी फंडिंग के तीन मामलों में दोषी ठहराने समेत कुछ कार्रवाई की, लेकिन उसने जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया और संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा आतंकी घोषित मसूद अजहर और 2008 मुंबई हमलों के "प्रोजेक्ट मैनेजर" साजिद मीर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसमें कहा गया है कि ये दोनों आतंकी अभी भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं।
अफगानिस्तान और भारत पर हमला करने वाले आतंकियों को पनाह दे रहा पाकिस्तान- रिपोर्ट
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, अफगानिस्तान पर हमला करने वाले अफगानी तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों और भारत पर हमला करने वाले लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान अभी भी अपनी जमीन से काम करने दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, "सरकार और सेना ने देशभर में स्थित आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों के खिलाफ अंसगत कार्रवाई की। अधिकारियों ने कुछ आतंकी समूहों और लोगों को खुलेआम काम करने से रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।"
2019 में भी बंद रही पाकिस्तान को अमेरिकी सुरक्षा मदद- रिपोर्ट
रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकियों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई करने में नाकाम रहने के कारण अमेरिका ने जनवरी, 2018 में पाकिस्तान को दी जाने वाली ज्यादा सुरक्षा मदद रोक दी थी और पूरे 2019 में ये निलंबन जारी रहा।
FATF की ग्रे लिस्ट में बरकरार रहेगा पाकिस्तान
इस बीच आतंकियों की फंडिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) भी आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तानी का कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुआ है और बुधवार को उसे 'ग्रे लिस्ट' में ही रखने का फैसला लिया। FATF के अनुसार, पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को मिलने वाले धन पर अंकुश लगाने में असफल रहा है। पाकिस्तान जून, 2018 से ही ग्रे लिस्ट में है और उस पर ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा मंडरा रहा था।