मोदी सरकार का संसद में जवाब, खुफिया एजेंसियों की असफलता नहीं था पुलवामा हमला
मोदी सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि पुलवामा आतंकी हमला खुफिया असफलता के कारण नहीं हुआ था। इससे पहले माना जाता रहा है कि पुलवामा में CRPF के काफिले पर हमला होने का पहले से खुफिया अलर्ट था और सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों में तालमेल की कमी के चलते जैश-ए-मोहम्मद इस हमले को अंजाम देने में सफल रहा। इसके कारण केंद्र सरकार पर कई सवाल उठे थे।
पुलवामा हमले पर सवाल के जवाब में दिया गृह राज्य मंत्री ने जवाब
क्या पुलवामा हमला खुफिया असफलता था, इस सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पुलवामा हमले में कोई खुफिया असफलता नहीं थी। उन्होंने कहा, "जम्मू और कश्मीर पिछले 3 दशक से सीमा पार से प्रायोजित और समर्थित आतंकवाद से प्रभावित है। हालांकि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और आतंकियों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में आंतकियों को मारा गया है।"
रेड्डी का जवाब, तालमेल के साथ काम कर रही हैं खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां
रेड्डी ने आगे कहा, "सभी एजेसिंयां तालमेल के साथ काम कर रही हैं और खुफिया जानकारियां रीयल टाइम में कई एजेंसियों के साथ साझा की जाती हैं। पुलवामा हमले में NIA की जांच में अभी तक साजिशकर्ताओं, आत्मघाती हमलावर और वाहन देने वाले व्यक्ति की पहचान हो चुकी है।" इससे पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक हमले के बाद राज्य प्रशासन और सुरक्षा बलों के स्तर पर चूक की बात कह चुके हैं।
जैश के आत्मघाती हमलावर ने दिया था हमले को अंजाम
14 फरवरी को पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावार आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से लदी कार की मदद से पुलवामा में CRPF काफिले पर हमला किया था। हमले में 40 CRPF जवान शहीद हुए थे। ये कश्मीर के इतिहास में सुरक्षा बलों पर किया गया सबसे घातक हमला था। हमले के बाद पूरे देश में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला था और पाकिस्तान से बदला लेने की मांग की गई थी।
जवाब में भारत ने की एयर स्ट्राइक
भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक करके पुलवामा हमले का बदला लिया था। इसके अगले दिन दोनों देशों की वायुसेनाओं में हवाई लड़ाई हुई, जिसमें दोनों के एक-एक विमान गिरे। इस बीच भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान PoK में गिर गए और उन्हें पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया। 3 दिन बाद अभिनंदन की भारत वापसी के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात टले थे।