आतंक के खिलाफ पाक की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं FATF, दिया अक्तूबर तक का समय
गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ब्लैकलिस्ट में डाला जा सकता है। शुक्रवार को हुई FATF की बैठक में कहा गया कि पाकिस्तान आतंकवादियों के वित्तपोषण रोकने में लगातार दूसरी बार असफल हुआ है। इससे पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में आने की संभावनाएं बनी हुई है। FATF ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था। ब्लैकलिस्ट होने के बाद पाकिस्तान पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लग जाएंगे।
फरवरी में हुई थी समीक्षा
इस साल फरवरी में हुई समीक्षा में कहा गया था कि पाकिस्तान ने लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के वित्तपोषण को रोकने में 'सीमित तरक्की' की है और आतंकी संगठनों द्वारा उत्पन्न खतरे को समझने में नाकाम रहा है।
पाकिस्तान को अक्तूबर तक का समय
19-21 जून तक फ्लोरिडा में हुई बैठक में इस बार पर चिंता जताई गई है कि पाकिस्तान इस साल जनवरी तक पूरे होने वाली योजना को पूरा करने असक्षम रहा था। साथ ही वह मई तक होने वाले एक्शन को भी पूरा नहीं कर पाया। FATF ने अब पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए अक्तूबर तक का समय दिया है। अगर पाकिस्तान इस दौरान पुख्ता कदम नहीं उठा पाता है तो FATF अगली कार्रवाई पर विचार करेगी।
आतंक के खिलाफ सीमित कार्रवाई
FATF की ग्रे लिस्ट में डाले जाने के बाद पाकिस्तान को आतंकियों का वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाने के लिए 27-सूत्रीय एक्शन प्लान लागू करने को कहा गया था। इस साल की शुरुआत में FATF और एशिया पैसिफिक ग्रुप के विशेषज्ञों के निरिक्षण के बाद पाया गया कि पाकिस्तान ने अपने घरेलू कानूनों को अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप किया है, लेकिन लश्कर, अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आठ आतंकी संगठनों की फंडिंग पर कोई रोक नहीं लगाई है।
आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में जुटा पाकिस्तान
पिछले कुछ समय से पड़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर आतंक को रोकने और उनकी फंडिंग को लेकर कई कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयब्बा, जैश-ए-मोहम्मद और उनकी सहयोगी संगठनों के कई बड़े आतंकियों को गिरफ्तार किया है ताकि उनकी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। बता दें, पुलवामा हमलेे के बाद भारत ने पाकिस्तान को कई सबूत दिए थे, जिनमें इस बात का जिक्र था कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था।
ब्लैकलिस्ट होने पर होंगे ये नुकसान
अगर FATF पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर देता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर इसके गहरे आर्थिक प्रभाव होंगे। इसके बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाले 6 अरब डॉलर के कर्ज पर भी रोक लग सकती है।
पिछले महीने बैन किए गए थे 11 आतंकी संगठन
पाकिस्तान ने पिछले महीने आतंकी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आतंकवाद रोधी कानून (ATA) के तहत 11 संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन संगठनों पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, जमात-उद-दावा (JUD) और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) से संबंध होने का आरोप है। देश के गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है। जैश जहां मौलाना मसूद अजहर का संगठन है, वहीं JUD लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद का संगठन है। FIF का भी हाफिज सईद से संबंध है।