कुलभूषण जाधव मामला: इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने भारत को वकील नियुक्त करने की अनुमति दी
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने कुलभूषण जाधव के मामले में सुनवाई 3 सितंबर तक टाल दी है। कोर्ट ने कहा कि भारत को जाधव के बचाव के लिए वकील नियुक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के मामले में मौत की सजा सुनाई है। अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि भारत को वकील नियुक्त करने की अनुमति दी गई है, लेकिन वकील भारतीय नहीं होगा।
भारतीय वकील नहीं कर पाएंगे मदद
कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को भारत को जाधव के कानूनी प्रतिनिधि को नियुक्त करने की अनुमति दी जाए और यह वकील पाकिस्तान का नागरिक होना चाहिए। खालिद जावेद खान ने बताया कि कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार को एक बार फिर वकील नियुक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए। एक सवाल के जवाब में खान ने कहा कि भारतीय वकील को पाकिस्तान में कानूनी टीम की मदद करने का विकल्प नहीं दिया जाएगा।
भारत से सलाह-मशविरे के बिना पाकिस्तान ने दायर की थी याचिका
पाकिस्तान ने एकतरफा कदम उठाते हुए 22 जुलाई को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जाधव का वकील नियुक्त करने की मांग की थी। हालांकि, इससे पहले पाकिस्तान ने मामले में मुख्य पक्ष भारत से किसी प्रकार का सलाह-मशविरा नहीं किया। इस याचिका पर सुनवाई के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को दो सदस्यीय बेंच गठित की थी। इसमें इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अथर मिनाल्लाह और उनके साथी जज मियांगुल हसन औरंगजेब शामिल हैं।
सैन्य अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में दी गई है चुनौती
ICJ का फैसला आने को देखते हुए पाकिस्तान ने खास अध्यादेश लाकर इस हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस अध्यादेश के तहत सैन्य अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
क्या है कुलभूषण जाधव का पूरा मामला?
पाकिस्तान ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान में जासूसी के लिए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को पकड़ने का दावा किया था। पाकिस्तान ने जाधव का वीडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करते हैं। भारत ने जाधव को भारतीय नागरिक तो माना, लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया। भारत का पक्ष है कि जाधव ईरान में अपना कारोबार चलाते थे, यहां से पाकिस्तान ने उनका अपहरण किया।
जुलाई, 2019 में ICJ ने लगाई जाधव की मौत की सजा के अमल पर रोक
अप्रैल, 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुना दी, जिसके खिलाफ भारत अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) चला गया। अपनी अपील में भारत ने पाकिस्तान से जाधव से मिलने की अनुमति (कॉन्सुलर एक्सेस) भी मांगी। पिछले साल 17 जुलाई को मामले पर फैसला सुनाते हुए ICJ ने जाधव की फांसी की सजा निलंबित कर दी और पाकिस्तान को जाधव को नागरिक अदालत में अपील करने देने और भारत को कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान करने का आदेश दिया।
16 जुलाई को भारत को मिली थी कॉन्सुलर एक्सेस
16 जुलाई को भारत को पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की दूसरी कॉन्सुलर एक्सेस मिली थी। भारतीय दूतावास के दो अधिकारी भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे अज्ञात जगह पर जाधव से मिले थे और उन्हें बातचीत के लिए दो घंटे का समय दिया गया था। इससे पहले भारत को जाधव की पहली कॉन्सुलर एक्सेस पिछले साल सितंबर में दी गई थी। इसके बाद दिसंबर में जाधव की मां और पत्नी भी उनसे मिली थीं।