कोरोना वायरस महामारी की दिशा को बदल सकता है ओमिक्रॉन वेरिएंट- WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस का नया ओमिक्रॉन वेरिएंट महामारी की दिशा को बदल सकता है। WHO महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने कहा कि सभी देश एक साथ मिलकर ओमिक्रॉन को वैश्विक संकट बनने से रोक सकते हैं। उन्होंने सभी देशों से जितना तेज हो सके, उतनी तेजी से अपने नागरिकों का वैक्सीनेशन करने और लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए पाबंदियां लगाए रखने की अपील की।
वायरस बदल रहा है, लेकिन हमारा सामूहिक संकल्प नहीं बदलना चाहिए- डॉ टेड्रोस
ओमिक्रॉन के बारे में मीडिया से बात करते हुए डॉ टेड्रोस ने कहा, "वैश्विक प्रसार और म्यूटेशन्स की बड़ी संख्या जैसे ओमिक्रॉन के कुछ फीचर्स संकेत देते हैं कि इसका महामारी की दिशा पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। हम ओमिक्रॉन को वैश्विक संकट बनने से रोक सकते हैं। ये वायरस बदल रहा है, लेकिन हमारा सामूहिक संकल्प नहीं बदलना चाहिए।" उन्होंने कहा कि शुरुआत सबूत संकेत देते हैं कि ओमिक्रॉन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम बीमार करता है।
खतरनाक क्यों माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पकड़ में आए ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके है।
ओमिक्रॉन के खिलाफ 25 गुणा कम न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज पैदा करती है फाइजर वैक्सीन
ओमिक्रॉन पर वैक्सीनों के प्रभावी न होने की आशंकाओं के बीच विभिन्न कंपनियों अपनी कोविड वैक्सीनों का इस पर परीक्षण कर रही हैं। फाइजर और बायोएनटेक की शुरूआती स्टडीज में सामने आया है कि ओमिक्रॉन के खिलाफ उनकी वैक्सीन 25 गुणा कम न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज पैदा करती है। हालांकि अगर लोगों को बूस्टर खुराक लगाई जाती है तो वैक्सीन ओमिक्रॉन से अन्य वेरिएंट्स जितनी ही सुरक्षा दे सकती है। अभी तक WHO बूस्टर खुराक के खिलाफ रहा है।
भारत समेत 57 देशों में पहुंच चुका है ओमिक्रॉन
बता दें कि ओमिक्रॉन अभी तक 57 देशों में पहुंच चुका है जिनमें भारत भी शामिल है। भारत में ओमिक्रॉन के 23 मामले सामने आ चुके हैं। ये मामले दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगुलरू और जयपुर जैसे शहरों में सामने आए हैं। अधिकांश मामले विदेश से लौटे यात्रियों में पाए गए हैं, हालांकि बेंगलुरू में एक ऐसे डॉक्टर को संक्रमित पाया गया है जिसका विदेश यात्रा को कोई रिकॉर्ड नहीं है।