अटलांटिक महासागर में मिला 37 साल पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए नासा स्पेसक्राफ्ट का मलबा
तीन दशक से भी पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के एक स्पेसक्राफ्ट का मलबा अटलांटिक महासागर में मिला है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान के एक एयरक्राफ्ट का पता लगाने महासागर में गए हिस्ट्री चैनल के क्रू ने इस मलबे को खोजा है। लगभग एक साल पहले यह मलबा मिला था, जिसकी गुरुवार को नासा ने पुष्टि की है। नासा ने बताया कि यह चैलेंजर स्पेसक्राफ्ट का मलबा है, जो 37 साल पहले क्रैश हुआ था।
कैसे चला मलबे का पता?
एयरक्राफ्ट का पता लगाने के लिए महासागर में उतरे गोताखोरों ने देखा कि एक कृत्रिम ऑब्जेक्ट समुद्रतल पर टिका हुआ है और यह स्पेसशटल जैसा दिख रहा है। इसके बाद उन्होंने नासा से संपर्क किया। नासा प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि 37 साल हो गए हैं, जब सात बहादुर खोजकर्ताओं ने अपनी जान गंवाई थी। यह हादसा लोग कभी नहीं भूला पाएंगे। लाखों लोगों के लिए 28 जनवरी, 1986 (हादसे की तारीख) कल का ही दिन लगता है।
ऐसे चला मलबे का पता
उड़ान भरते ही क्रैश हो गया था स्पेसक्राफ्ट
यह स्पेसक्राफ्ट उड़ान भरने के महज 73 सेकंड बाद तकनीकी खामी के चलते क्रैश हो गया था। बता दें कि सभी स्पेसक्राफ्ट अमेरिकी सरकार की संपत्ति होती है। फिलहाल यह मलबा पानी में ही पड़ा है और नासा इसे बाहर लाने की तैयारी में है। नासा के मैनेजर माइकल कियानिली ने बताया कि यह हादसे के बाद पाया गया स्पेसक्राफ्ट का सबसे बड़ा मलबा है। इसका आकार 15X15 फीट से अधिक है।
कैसे हुआ था हादसा?
चैलेंजर नासा के उन चार स्पेसक्राफ्ट में से एक था, जिसे हादसे से पहले तक के पांच सालों में लॉ अर्थ ऑरबिट में भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। हादसे के बाद जांच में नासा को पता लगा कि लॉन्च से पहली रात बेहद ठंडे तापमान के कारण सॉलिड रॉकेट बूस्टर पर लगी किसी सील में खराबी आ गई थी। इसके चलते उड़ान भरने के लिए 73 सेकंड के भीतर ही स्पेसक्राफ्ट में जोरदार धमाका हो गया।
चैलेंजर के लिए था छह दिन का मिशन
नासा के मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान की शुरुआत 1961 से हुई थी और चैलेंजर स्पेसक्राफ्ट का क्रैश पहला ऐसा हादसा था, जिसमें एस्ट्रोनॉट्स की मौत हुई थी। हादसे में जान गंवाने वालों में एक स्कूल टीचर क्रिस्टा मैक्ओलिफ भी शामिल थीं, जिन्हें लॉ अर्थ ऑरबिट में जाकर वहां से छात्रों को पढ़ाना था। यह छह दिन का मिशन था, जिसमें एस्ट्रोनॉट्स को वहां शोध करने के अलावा स्पेसक्राफ्ट से एक सैटेलाइट को भी रिलीज करना था।