जनरल सुलेमानी को मारने के लिए ईरान ने पूरी अमेरिकी सेना को घोषित किया आतंकवादी
ईरान ने अपने जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए अमेरिकी की पूरी सेना को आतंकवादी घोषित कर दिया है। इससे पहले पिछले साल अप्रैल में ईरान ने मध्य पूर्व देशों में तैनात अमेरिकी सेना को आतंकवादी घोषित किया था। अमेरिका ने भी ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है। जनरल सुलेमानी इसी IRGC के प्रमुख थे और उन्हें ईरान में नंबर दो माना जाता था।
क्या है पूरा मामला?
शुक्रवार को ईराक की राजनाधी बगदाद के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। ईरान में नंबर दो की हैसियत रखने वाले सुलेमानी देश के सर्वाच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई के बेहद करीबी थे। मध्य-पूर्व के देशों में ईरान का प्रभुत्व बढ़ाने में कासिम सुलेमानी का बेहद अहम योगदान था और उन्हें उनके देश में हीरो माना जाता था।
खुद ट्रम्प ने दिया था हमले का आदेश
सुलेमानी पर हमले के बाद अमेरिका ने कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश पर ये हमला किया गया था। ट्रम्प ने मध्य-पूर्व में स्थित अमेरिकी नागरिकों, सैनिकों और संपत्ति की सुरक्षा के लिए इस हमले का आदेश दिया था। अमेरिका के अनुसार, सुलेमानी अमेरिकी ठिकानों पर बड़े हमले की तैयारी कर रहे थे। हमले से एक हफ्ते पहले बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर भीड़ के हमले में भी अमेरिकी ने सुलेमानी का हाथ बताया था।
ईरान ने कही बदला लेने की बात
हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई ने सुलेमानी को 'अमर शहीद' का खिताब देते हुए उनकी मौत का बदला लेने की कसम खाई थी। उनकी मौत के बाद ईरान और ईराक में हजारों लोगों ने प्रदर्शन भी किया और अमेरिका के खिलाफ नारे लगाए। सोमवार को तेहरान में हुए उनके अंतिम संस्कार में लाखों लोग जमा हुए। इस दौरान अन्य लोगों के साथ-साथ खुद खामनेई को भी रोते हुए देखा गया।
ट्रम्प की धमकी का ईरानी राष्ट्रपति ने दिया जबाव
ईरान की बदला लेने की धमकी के बाद से ट्रम्प लगातार ट्वीट कर उसे धमकी दे रहे हैं और 52 ईरानी स्थलों पर निशाना साधने की बात कह चुके हैं। इसके जबाव में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, "जो नंबर 52 का हवाला दे रहे हैं, उन्हें नंबर 290 भी याद रखन चाहिए। कभी भी ईरान को धमकी न दें।" दोनों देशों के बीच बनती युद्ध जैसी स्थिति से पूरी दुनिया सहमी हुई है।
ईरान ने फिर से शुरू किया परमाणु हथियार बनाना
इस बीच ईरान ने 2015 की परमाणु संधि से अपना नाम वापस लेते हुए अपना परमाणु कार्यक्रम फिर से शुरू करने की घोषणा भी कर दी है। ट्रम्प ने मई 2018 में ही अमेरिका को इस संधि से अलग कर लिया था।