उत्तर कोरिया का कोरोना के खिलाफ सफलता का दावा, किम ने खुद को ही दिया श्रेय
उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग-उन ने कोरोना वायरस (COVID-19) से लड़ाई में देश की 'शाइनिंग सक्सेस' की प्रशंसा की है। किम ने कहा कि देश ने 'घातक वायरस के प्रवेश को रोक लिया और एक स्थिर स्थिति बनाए रखी।' उत्तर कोरिया ने लगभग छह महीने पहले अपनी सीमाएं सील कर ली थी। उसका दावा है कि यहां कोरोना वायरस का एक भी मामला नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञ यह मानने को तैयार नहीं हैं।
नेतृत्व की दूरदर्शिता के कारण हासिल हुई विजय- किम
रिपोर्ट्स के मुताबिक, किम ने गुरुवार को बैठक कर पिछले छह महीनों से चले आ रहे राष्ट्रीय आपातकाल और महामारी-रोधी कामों का विश्लेषण किया। उन्होंने कहा पार्टी की केंद्रीय समिति के नेतृत्व की दूरदर्शिता के कारण वायरस के खिलाफ यह सफलता हासिल हुई है। साथ ही बैठक में उन्होंने इस बात पर जोर दिया पड़ोसी देशों में अभी भी वायरस मौजूद है इसलिए संक्रमण को रोकने के लिए लगाई पाबंदियों में ढील दिए बिना अधिकतम सतर्कता बरतने की जरूरत है।
क्या उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस फैला है?
उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर कुछ भी साफतौर पर नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह देश 30 जनवरी से पूरी तरह बंद है। कुछ ही लोग हैं, जो इस दौरान देश से बाहर या बाहर से देश में जा सके हैं। इसकी सीमा से लगे इलाकों में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस के वॉलेंटियर संक्रमण रोकने के कामों में लगे हैं। ऐसी अपुष्ट खबरें हैं कि उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं।
दुनिया को अपनी जीत दिखाना चाहते हैं किम
पिछले कुछ दिनों से राजधानी प्योंगयांग से ऐसी खबरें आई हैं, जिनसे लगे कि यहां जनजीवन सामान्य हैं और वायरस से किसी तरह का असर नहीं पड़ा है। बीबीसी ने लिखा है कि असल स्थिति जैसी भी हो, लेकिन उत्तर कोरिया यह दिखाना चाहता है कि उसने कोरोना वायरस को मात दे दी है। इससे वहां के लोगों में ऐसा संदेश जाएगा कि किम के कड़े कदमों की वजह से वो वायरस से सुरक्षित रहे हैं।
जनवरी से बंद हैं उत्तर कोरिया की सीमाएं
जनवरी के आखिर से ही, जब कोरोना वायरस ने चीन से बाहर पैर पसारने शुरू किए थे, उत्तर कोरिया ने अपनी सीमाएं सील कर ली थी। इसके बाद वहां सैकड़ों विदेशी लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया। इसके अलावा उत्तर कोरिया के भी हजारों नागरिकों को आइसोलेट किया गया और स्कूल बंद कर दिए गए। बताया जा रहा है कि अब यहां पर स्कूल खोल दिए गए हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध जारी है।
अब तक किए गए हैं महज 922 टेस्ट
हाल हीे समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि उत्तर कोरिया ने बाहर निकल रहे लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। WHO के मुताबिक, उत्तर कोरिया में अभी तक महज 922 लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट किया गया है, जिनमें से दावा किया जा रहा है कि सभी की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
चीन के साथ सीमा साझा करने वाला उत्तर कोरिया काफी समय से कहता आया है कि उसके यहां वायरस के मामले नहीं हैं। हालांकि, जानकार इस दावे से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि चीन और दक्षिण कोरिया से घिरे होने और खासतौर से चीन के साथ व्यापार को देखते हुए वहां संक्रमण न होना काफी मुश्किल है। उनका यह जरूर मानना है कि पाबंदियों के कारण हो सकता है यहां वायरस बड़े स्तर पर न फैला हो।