इजरायल को ईरानी जासूस की मदद से मिली थी हसन नरसल्लाह को मारने में सफलता
इजरायल ने गत शुक्रवार को दक्षिण लेबनान के बेरूत में हवाई हमला कर भूमिगत बंकर में बैठे हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नरसल्लाह को मार गिराया है। इजरायल के लिए यह सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है। हालांकि, इस घटना ने इजरायल की खुफिया एजेंसियों और उनके व्यापक नेटवर्क को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इजरायल को नरसल्लाह के ठिकाने की पुख्ता जानकारी किसने मुहैया कराई थी।आइए जानते हैं।
ईरानी जासूस ने दी थी नरसल्लाह के ठिकाने की जानकारी
हमले के बाद सामने आया था कि इजरायल रक्षा बल ने नरसल्लाह के ठिकाने की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद ही हमला किया था। अब सामने आया है कि इजरायल को यह जानकारी उसके ईरान में मौजूद जासूस ने मुहैया कराई थी। फ्रांसीसी अखबार ले पेरिसियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में इजारायल के गुप्त जासूस ने सबसे पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में नरसल्लाह के ठिकाने की पुख्ता जानकारी उपलब्ध कराई थी।
छह मंजिला इंमारत के 60 फीट नीचे था नरसल्लाह का बंकर
रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी जासूस ने बताया था कि नसरल्लाह दाहियेह क्षेत्र में स्थित एक मंजिला इमारत के नीचे 60 फीट गहराई में बने बंकर में छिपा है। इसके अलावा उसने यह भी बताया था कि वह अपने समूह के वरिष्ठ सदस्यों के साथ एक बैठक में हिस्सा लेने वाला है। उसका यह ठिकाना एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है जो हिजबुल्लाह के समर्थन के लिए जाना जाता है। इसके बाद IDF ने तत्काल उस जगह पर हमला बोल दिया।
हमले से कुछ घंटे पहले ही मिली थी इजरायल को सूचना
रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल को हमले से कुछ घंटे पहले ही नरसल्लाह के ठिकाने की जानकारी मिली थी। इतने कम समय में IDF में अपनी तैयारी पूरी की और हमले को अंजाम दे दिया। इसके बाद भारतीय समयानुसार लगभग 1.30 बजे (लेबनान समयानुसार सुबह 11 बजे) IDF ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह मारा गया है। वह अब दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएगा।' उसके कुछ घंटे बाद ही हिजबुल्लाह ने भी पुष्टि कर दी।
इजरायल ने किया था बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल
इजरायल ने नरसल्लाह के खात्मे के लिए बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया था। ये बम जमीन के अंदर के लक्ष्य को निशाना बनाने में इस्तेमाल होते हैं। ये साधारण बमों के मुकाबले मोटे स्टील के बने होते हैं। ये फटने से पहले जमीन में गहराई तक धंस जाते हैं। IDF ने नरसल्लाह को मारने के लिए 85 बंकर बमों का इस्तेमाल किया था। बड़ी बात है कि एक बंकर बस्ट बम का वजन 2,000 से 4,000 पाउंड तक था।
आबादी वाले क्षेत्रों में प्रतिबंधित है बंकर बम
घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बंकर बमों का उपयोग प्रतिबंधित है। जिनेवा सम्मेलन में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में इसके उपयोग पर रोक लगाई गई थी। हालांकि, इजरायल ने अब इन बमों के इस्तेमाल के पीछे आतंक के खात्मे का हवाला दिया है।
इजरायल के हमले से हिजबुल्लाह को हुआ बड़ा नुकसान
इजरायल के इस हमले से हिजबुल्लाह को बड़ा नुकसान हुआ है। उसका बेरूत में स्थित मुख्यालय पूरी तरह तबाह हो चुका है। इसी तरह नरसल्लाह के अलावा, उसकी बेटी, दक्षिणी मोर्चे के कमांडर अली कराकी और नबील काऊकी सहित कुल 9 कमांडरों की मौत हो गई। यह हिजबुल्लाह के लिए बड़ा झटका है। अब हाशिम सफीद्दीन को समूह की कमान सौंपी गई है। ऐसे में उसके लिए समूह को फिर से एकजुट कर मजबूत बनाने बड़ी चुनौती होगी।
मध्य पूर्व में बढ़ा तनाव
हिजबुल्लाह द्वारा हमास का समर्थन शुरू करने के बाद इजरायल के हमले तेज हो गए हैं। हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर अभूतपूर्व हमला किया था, जिसके परिणामस्वरूप 1,205 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकतर नागरिक थे। हमास ने 250 से अधिक नागरिकों को बंधक बना लिया था। 97 लोग अभी भी गाजा में बंधक हैं, जिनमें से 33 मारे जा चुके हैं। इसी तरह इजरायल के हमले में अब तक 41,595 लोग मारे गए हैं।