गाजा पर जमीनी हमले के साथ इजरायल-हमास युद्ध दूसरे चरण में, नेतन्याहू बोले- अस्तित्व की लड़ाई
पिछले 3 हफ्तों से इजरायल-हमास युद्ध जारी है। शनिवार को भी इजरायली सेना ने गाजा पट्टी पर जमकर बमबारी की। इसी बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि जमीनी हमलों के साथ गाजा में हमास के खिलाफ लड़ाई अब दूसरे चरण में पहुंच गई है और ये लड़ाई लंबी और कठिन होगी। दूसरी ओर हमास के नेता याह्या सिनवार ने कहा कि वह इजरायल के साथ बंधकों की तत्काल अदला-बदली के लिए तैयार हैं।
नेतन्याहू बोले- ये इजरायल के अस्तित्व की लड़ाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने तेल अवीव में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा, "बंधकों की सुरक्षित रिहाई के लिए हर प्रयास किया जाएगा। हमास के साथ युद्ध इजरायल के अस्तित्व की लड़ाई है और हम लंबी और कठिन परीक्षा का सामना कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता इस लड़ाई का अंत कैसे होगा, लेकिन हम करेंगे। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि हम ये लड़ाई जीतेंगे।"
बंधकों की सुरक्षा के लिए 'हर विकल्प' का इस्तेमाल करेंगे- नेतन्याहू
नेतन्याहू ने कहा, "इजरायल बंधकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए 'हर विकल्प' का इस्तेमाल करेगा क्योंकि इजरायली नागरिकों का अपहरण किया जाना 'मानवता के खिलाफ अपराध' है।" उन्होंने कहा, "जो भी इजरायली बलों पर युद्ध अपराध का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें ये समझने की जरूरत है कि इजरायली सेना 'आम नागरिकों' को नुकसान नहीं पहुंचाती और इजरायली सेना दुनिया की सबसे नैतिक सेना है। उत्तरी गाजावासी दक्षिण की ओर सुरक्षित स्थान पर जा सकते हैं।"
हमास ने बंधकों की तत्काल रिहाई के बदले रखी शर्त
शनिवार को हमास के नेता सिनवार ने एक बयान में कहा कि वह बंदियों की तत्काल अदला-बदली के लिए सौदा करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, "हमारी शर्त है कि इजरायल की जेलों में बंद सभी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाए, जिन्हें फिलिस्तीन की आजादी का समर्थन करने पर इजरायली सेना ने बंदी बनाया है।" इजरायल ने बंधकों के बदले उसकी जेलों में बंद फिलिस्तीनियों को रिहा करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने की मिस्त्र के राष्ट्रपति से बात
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी से फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच गाजा पट्टी में इजरायल के सैन्य अभियानों को लेकर विस्तार से बात हुई। मिस्र ने एक बयान में कहा कि मोदी और अल सीसी ने गाजा में शांति की शीघ्र बहाली और युद्ध से प्रभावित लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर सहमति जताई है।
इजरायल ने तुर्की से वापस बुलाए अपने राजनयिक
समाचार एजेंसी AFP के अनुसार, इजरायल और पश्चिमी देशों पर तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन के तीखे बयान के बाद इजरायल ने तुर्की से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है। इस्तांबुल में एक सभा को संबोधित करते हुए अर्दोआन ने कहा था कि इजरायल एक युद्ध अपराधी है और हमास एक आतंकवादी संगठन नहीं है। उन्होंने पश्चिमी देशों को असली दोषी बताते हुए कहा था कि वे एक बार फिर से इसाइयों और मुस्लिमों में संघर्ष चाहते हैं।
गाजा में युद्धविराम की मांग को लेकर कई देशों में प्रदर्शन
गाजा पट्टी के निवासियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए शनिवार को फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक के अलावा कई मुस्लिम और यूरोपीय देशों में बड़े पैमाने पर फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए। जॉर्डन और इराक में प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीनी गुटों का प्रतिनिधित्व करने वाले बैनरों और हमास के झंडे लेकर इजरायल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दूसरी ओर पेरिस और न्यूयॉर्क में भी सैकड़ों लोगों ने युद्धविराम की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
युद्ध में मरने वालों का आंकड़ा 9,000 के पार
7 अक्टूबर से जारी इजरायल-हमास युद्ध में मरने वालों का आंकड़ा 9,000 को पार कर गया है। युद्ध में अब तक इजरायल में लगभग आम 1,405 नागरिकों की मौत हुई है, जबकि गाजा में 7,500 से अधिक लोग मारे गए हैं। हमास ने इजरायल पर हमले के दौरान बच्चों सहित 200 से अधिक लोगों का अपहरण कर लिया था, जिन्हें उसने गाजा में बंधक बना रखा है। युद्ध में हमास के 1,500 से अधिक आतंकी भी मारे गए हैं।