पंजशीर: विद्रोही नेता बातचीत के लिए तैयार, तालिबान से लड़ाई रोकने को कहा
क्या है खबर?
पंजशीर घाटी से तालिबान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने धार्मिक विद्वानों के उस प्रस्ताव का स्वागत किया है, जिसमें लड़ाई खत्म करने के लिए समझौते की बात कही गई है।
नेशनल रजिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान (NRFA) के प्रमुख अहमद मसूद ने कहा कि वो मौजूदा समस्या का हल निकालने के लड़ाई खत्म करने और बातचीत शुरू करने को तैयार हैं।
इससे पहले तालिबान ने कहा था कि वह पंजशीर की राजधानी तक पहुंच गया है।
जानकारी
अभी तक पंजशीर पर नहीं हो पाया है तालिबान का कब्जा
काबुल से लगभग 150 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित पंजशीर घाटी पर अब तक तालिबान का कब्जा नहीं हो पाया है।
कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह NRFA के प्रमुख अहमद मसूद के साथ मिलकर यहां से तालिबान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहे हैं।
दूसरी तरफ 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के बाद से तालिबान पंजशीर पर नियंत्रण की कोशिश में जुटा है। इसके चलते पिछले 15 दिनों से दोनों पक्षों के बीच लड़ाई चल रही है।
प्रस्ताव
तालिबान माने तो लड़ाई रोकने को तैयार- मसूद
पंजशीर में जारी लड़ाई में तालिबान और NRFA दोनों को नुकसान उठाना पड़ा है और स्थानीय लोग भी इससे प्रभावित हुए हैं।
इस संघर्ष को रोकने के लिए कई धार्मिक विद्वानों ने तालिबान से लड़ाई रोककर बातचीत का रास्ता खोजने की अपील की थी।
इसके बाद NRFA प्रमुख मसूद ने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए वो लड़ाई रोकने को तैयार हैं और इसके लिए तालिबान को भी पंजशीर और अंदराब में अपने हमले और सैन्य अभियान रोकने होंगे।
प्रतिक्रिया
तालिबान की प्रतिक्रिया का इंतजार
तालिबान और NRFA के बीच पहले भी कई बार बातचीत की कोशिश हो चुकी है, लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ पाई। इसके लिए दोनों पक्ष एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं।
इससे पहले रविवार को तालिबान ने कहा था कि उसके लड़ाके पंजशीर की राजधानी तक पहुंच गए हैं और भारी मात्रा में गोला-बारुद और हथियारों पर कब्जा जमाया है।
NRFA की तरफ से बातचीत के ताजा प्रस्ताव पर अभी तक तालिबान की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
संघर्ष
NRFA के प्रवक्ता की मौत
पंजशीर में तालिबान के साथ चल रही लड़ाई में NRFA के प्रवक्ता फाहीम दाष्टी की मौत हो गई है। जमीयत-ए-इस्लामी पार्टी से जुड़े दाष्टी फेडरेशन ऑफ अफगान जर्नलिस्ट्स के सदस्य भी थे।
उनके साथ-साथ अहमद समूद के चचेरे भाई पर पूर्व मुजाहीद्दीन कमांडर जनरल साहिब अब्दुल वदूद जोर की भी लड़ाई में मौत हो गई है। NRFA के फेसबुक पेज पर दोनों की मौत की पुष्टि करते हुए शोक संदेश लिखे गए हैं।
जानकारी
पाकिस्तानी वायुसेना गिरा रही पंजशीर में बम- रिपोर्ट्स
ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं कि पाकिस्तानी वायुसेना के ड्रोन पंजशीर में स्मार्ट बम गिरा रहे हैं। स्थानीय न्यूज एजेंसी से बात करते हुए समांगन की पूर्व सांसद जिया अरियांजद ने दावा किया कि पंजशीर में पाकिस्तानी वायुसेना के ड्रोन बम गिरा रहे हैं।
इतिहास
प्रतिरोध का लंबा इतिहास रहा है पंजशीर का
तालिबान के सत्ता से बेदखल होने और दोबारा सत्ता की दहलीज तक पहुंचने के बीच के समय में पंजशीर घाटी को अफगानिस्तान का सबसे सुरक्षित इलाका माना जाता था।
इस घाटी के इतिहास को अहमद शाह मसूद के नाम के साथ याद किया जाता है। शाह मसूद तालिबान के खिलाफ लड़ने वाले अनुभवी ताजिक कमांडर थे।
अब उनके बेटे अहमद मसूह कार्यवाहक राष्ट्रपति सालेह के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहे हैं।