काबुल: जश्न मनाते तालिबानी लड़ाकों ने की हवाई फायरिंग, बच्चों समेत 17 की मौत
क्या है खबर?
काबुल और आसपास के इलाकों में जश्न मनाते तालिबानी लड़ाकों की हवाई फायरिंग में बच्चों समेत 17 लोगों के मारे जाने और 41 के घायल होने की खबर है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबानी लड़ाकों ने पंजशीर घाटी पर कब्जा करने का दावा करते हुए कई जगहों पर हवाई फायरिंग की थी।
मौके से आ रही तस्वीरों में लोगों को घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाते हुए देखा जा सकता है।
जानकारी
तालिबान प्रवक्ता ने की फायरिंग की निंदा
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल के इमरजेंसी अस्पताल की तरफ से कहा गया कि बीती रात हुई हवाई फायरिंग के बाद अस्पताल में 17 शव और 41 घायलों को लाया गया है। मृतकों और घायलों में काबुल के बाहर के लोग भी शामिल हैं।
तालिबान प्रवक्ता जबिहुल्ला मुजाहिद ने फायरिंग की निंदा करते हुए कहा कि गोलियों से नागरिकों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए बिना जरूरत के गोलियां न चलाई जाएं।
ट्विटर पोस्ट
घायलों को अस्पताल में भर्ती कराते हुए लोग
Emergency Hospital Midnight: People taking their loved ones wounded by the Taliban Air shootings to the hospital. #Kabul #Afghanistan pic.twitter.com/lFv7vdqC4I
— Aśvaka - آسواکا News Agency (@AsvakaNews) September 4, 2021
पंजशीर
घर छोड़कर जाने पर मजबूर हुए सैकड़ों परिवार
तालिबान ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने पंजशीर घाटी में चल रहे विद्रोह को हराकर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है।
दूसरी तरफ विद्रोही नेताओं ने तालिबान के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि अभी भी लड़ाई जारी है।
दोनों तरफ से हो रही भारी फायरिंग के चलते सैकड़ों परिवार अपने घर छोड़कर दूसरी जगहों पर चले गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर दिन फायरिंग बढ़ती जा रही है।
अफगानिस्तान
पंजशीर में जारी है टकराव
पिछले कुछ दिनों से तालिबानी और विद्रोही लड़ाकों के बीच टकराव जारी है, लेकिन बीते चार दिनों से यह संघर्ष और तेज हो गया है।
गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए खूनखराबा रोकने को कहा था।
बता दें कि कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने पंजशीर से अहमद मसूद के नेतृत्व में नॉर्दर्न अलांयस की सेना की मदद से तालिबान के विरोध का बिगुल फूंक रखा है।
पंजशीर
सालेह बोले- हालात मुश्किल, लेकिन लड़ाई जारी है
संघर्ष के बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सालेह पंजशीर छोड़कर ताजिकिस्तान भाग गए हैं। इसके बाद उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि वह पंजशीर में मौजूद हैं। यहां हालात मुश्किल बने हुए हैं, लेकिन तालिबान के साथ उनकी लड़ाई चल रही है।
कथित तौर पर अहमद मसूद से जुड़े एक ट्विटर हैंडल से दावा किया गया है कि पाकिस्तानी मीडिया में चलाई जा रहीं तालिबान द्वारा पंजशीर पर कब्जा करने की खबरें झूठी हैं।
इतिहास
पंजशीर घाटी का प्रतिरोध का लंबा इतिहास
तालिबान के सत्ता से बेदखल होने और दोबारा सत्ता की दहलीज तक पहुंचने के बीच के समय में पंजशीर घाटी को अफगानिस्तान का सबसे सुरक्षित इलाका माना जाता था।
इस घाटी के इतिहास को अहमद शाह मसूद के नाम के साथ याद किया जाता है। शाह मसूद तालिबान के खिलाफ लड़ने वाले अनुभवी ताजिक कमांडर थे।
अब उनके बेटे अहमद मसूह कार्यवाहक राष्ट्रपति सालेह के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहे हैं।
अफगानिस्तान
जल्द नई सरकार का ऐलान कर सकता है तालिबान
तालिबान ने नई सरकार बनाने की सभी तैयारी पूरी कर ली है और उम्मीद जताई जा रही है कि वह जल्द ही नई सरकार का ऐलान कर सकता है।
तालिबानी नेता अनामुल्ला समांगनी ने कहा कि नई सरकार और कैबिनेट पर विचार-विमर्श लगभग तय हो चुका है। तालिबान की इस्लामिक सरकार देश के लोगों के लिए एक मॉडल का रूप होगी।
संगामनी ने कहा कि हिबतुल्ला अखुंदजादा ही सरकार के नेता होगा। अखुंदजादा के नीचे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति पद होगा।