कोरोना: बढ़ते मामलों के बीच कई देशों में फिर से लगने लगीं पाबंदियां
भारत समेत दुनिया के कई देशों में इन दिनों कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेज इजाफा हो रहा है, जिसके चलते लॉकडाउन जैसी पाबंदियां फिर से लौट आई हैं। पिछले कुछ हफ्तों के दौरान सामने आए वायरस के नए वेरिएंट्स ने धीरे-धीरे सामान्य होने की तरफ बढ़ रही दुनिया को फिर प्रतिबंधों के बीच खड़ा कर दिया है। दूसरी तरफ वैक्सीन की कमी और हिचकिचाहट के चलते कई देशों में वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे हैं।
भारत में रिकॉर्ड मामले, वैक्सीन की पड़ रही कमी
सबसे पहले भारत की बात करें तो इन दिनों यहां रोजाना रिकॉर्ड संख्या में नए मरीज मिल रहे हैं। कई राज्य महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं और वैक्सीन की कमी स्थिति को और गंभीर बना रही है। इस महीने की शुरुआत से लेकर अब तक देश में लगभग 10 लाख नए मामले सामने आ चुके हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण को पीक पर पहुंचने में अभी समय लगेगा।
कई राज्यों में वीकेंड लॉकडाउन तो कई जगह नाइट कर्फ्यू
देश के महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में संक्रमण रोकने के लिए वीकेंड लॉकडाउन लागू है तो दिल्ली समेत कई जगहों पर नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा कई राज्यों ने स्कूल और कॉलेजों को फिर से बंद कर दिया है।
कोलंबिया में लोगों को घर रहने के आदेश
इसी तरह की पाबंदियां कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में लागू की गई हैं। अल जजीरा के अनुसार, सरकार ने यहां पर लोगों को घरों में रहने के आदेश जारी कर दिए हैं। लगभग 80 लाख लोगों पर इसका असर पड़ेगा। इसके अलावा लगभग 70 लाख की आबादी वाले चार अन्य बड़े शहरों में पहले से ही कर्फ्यू लागू है। यहां संक्रमण की रफ्तार लगातार तेज बनी हुई है और 25 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं।
अर्जेंटीना में भी नाइट कर्फ्यू लागू
अर्जेंटीना में भी सरकार ने संक्रमण रोकने के लिए शुक्रवार से नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। देश के सर्वाधिक प्रभावित और शहरी इलाकों में 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू रहेगा। यहां भी कोरोना के लगभग 25 लाख मामले सामने आए हैं।
यूरोपीय देशों में भी ऐसे हालात
यूरोप के देशों की बात करें तो पूरे फ्रांस में किसी न किसी तरह की पाबंदियां लागू की जा चुकी हैं। अप्रैल की शुरुआत में यहां की सरकार ने तीसरी बार लॉकडाउन की घोषणा की थी। वहीं जर्मनी में भी सरकार ने आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। कई राज्यों द्वारा इससे इनकार किए जाने के बाद सरकार ने नियम बदलते हुए कमान अपने हाथ में ली है। यहां भी नाइट कर्फ्यू लगाया जा सकता है।
वैक्सीनेशन अभियान नहीं पकड़ रहा रफ्तार
भारत में इन दिनों वैक्सीन की कमी के कारण वैक्सीनेशन केंद्र बंद रहे हैं वहीं कई देशों को दूसरी तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। यूरोपीय यूनियन ने शुक्रवार को कहा कि वो जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की समीक्षा कर रहा है। कई देश ऐसे भी हैं, जो एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल को सीमित कर चुके हैं। इनका कहना है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का खून के थक्के जमने से संबंध पाया गया है।
दुनियाभर में महामारी की क्या स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 13.47 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 29.16 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 3.11 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 5.61 लाख लोगों की मौत हुई है। वहीं दूसरे सबसे अधिक प्रभावित देश ब्राजील में 1.33 करोड़ संक्रमितों में से लगभग 3.48 लाख मरीजों की मौत हुई है। संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है।