अंबाला में लैंड हुए पांच राफेल लड़ाकू विमान, राजनाथ ने चीन और पाकिस्तान को चेताया

आखिरकार राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंच गए हैं। सोमवार को फ्रांस से उड़े पांच राफेल विमान बुधवार को हरियाणा के अंबाला स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड हो गए हैं। खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया विमानों को रिसीव करने के लिए अंबाला पहुंचे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विमानों की लैंडिंग की जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा कि यह सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है।
राजनाथ सिंह ने राफेल के आने के बाद कड़े शब्दों में बिना नाम लिए चीन और पाकिस्तान में चेतावनी देते हुए कि इन विमानों से उनको चिंतित होना चाहिए, जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पैदा कर रहे हैं।
राफेल विमानों के आने के कार्यक्रम को देखते हुए अंबाला में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। प्रशासन ने एयरफोर्स स्टेशन के आसपास भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए धारा 144 लागू कर दी थी। साथ ही लोगों द्वारा विमानों की फोटो लेने और वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। धारा 144 का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज करने की बात कही गई थी।
सोमवार को फ्रांस से उड़े विमान 7,000 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर अंबाला पहुंचे हैं। रास्ते में ये विमान संयुक्त अरब अमीरात के अल दाफरा एयरबेस पर रुके थे। पांच विमानों में से तीन सिंगल सीटर और दो ट्वीन-सीटर विमान हैं।
#WATCH: Five #Rafale jets in the Indian airspace, flanked by two Su-30MKIs (Source: Raksha Mantri's Office) pic.twitter.com/hCoybNQQOv
— ANI (@ANI) July 29, 2020
भारतीय वायुसेना को सौंपे गए 10 में से पांच विमान भारत आ गए हैं और पांच फ्रांस में रखे गए हैं। यहां इनका इस्तेमाल वायुसेना के पायलटों और सहयोगी स्टाफ को ट्रेनिंग देने के लिए किया जाएगा। विमान उड़ाकर लाने वाले सभी पायलटों को फ्रांस में विमान बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट ने ट्रेेनिंग दी है। फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि अगले नौ महीनों तक वायुसेना के पायलटों और सहायक स्टाफ को वहां ट्रेनेिंग दी जाएगी।
भारत पहुंचे पांच विमानों में से दो ट्विन सीटर और तीन सिंगर सीटर विमान है। भारत ने फ्रांस को 28 सिंगल और आठ ट्वीन सीट विमानों का ऑर्डर दिया है। बता दें कि दो सीटों वाले विमानों की टेल पर 'RB' लिखा होगा। ये मौजूदा वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के नाम के शुरुआती अक्षर हैं। उन्होंने इस सौदे में अहम भूमिका निभाई थी। वहीं सिंगल विमानों पर अंतिम वायुसेना प्रमुख रिटायर्ड बीएस धनोआ के नाम के शुरुआती अक्षर होंगे।
The Touchdown of Rafale at Ambala. pic.twitter.com/e3OFQa1bZY
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 29, 2020
राफेल एक आधुनिक लड़ाकू विमान है जो अपनी रफ्तार, हथियार रखने और आक्रमण करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। इसकी लंबाई 15.27 मीटर और पंखों समेत चौड़ाई 10.80 मीटर है। बिना हथियारों के इसका वजन 9,900 किलो से लेकर 10,600 किलोग्राम तक होता है। यह कुल 24,500 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है। यानी यह अपने वजन से डेढ़ गुना तक भार लेकर उड़ सकता है।
राफेल में दो SNECMA M88 इंजन लगे हैं। इनकी मदद से यह 1,912 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 3,700 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। इसमें 'जीरो जीरो' इजेक्शन सीट लगी है, जो जीरो स्पीड और जीरो उंचाई पर भी काम कर सकती है।
हथियारों की बात करें राफेल लड़ाकू विमान को हवा से हवा में और हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइल के साथ-साथ परमाणु हथियारों से भी लैस किया जा सकता है। इसमें AESA राडार, SPECTRA इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और IRST सिस्टम लगा हुआ है। इसके अलावा भारतीय वायुसेना की मांग पर इसमें इजरायल में बना हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले, राडार वॉर्निंग रिसीव, लो बैंड जैमर्स, 10 घंटे का फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर, इंफ्रा रेड सर्च आदि सिस्टम दिया गया है।