चीन के J-20 लड़ाकू विमान से बेहतर है भारत का राफेल, देखिये तुलना
फ्रांस से उड़े पांच राफेल लड़ाकू विमान बुधवार को भारत पहुंच जाएंगे। अंबाला में लैंड करते ही ये लड़ाकू विमान अभियानों के लिए तैयार होंगे। भारतीय वायुसेना का कहना है कि पायलट, ग्राउंड क्रू और दूसरा स्टाफ इनके लिए पूरी तरह तैयार है। इस विमान के आने से वायुसेना की ताकत कई गुणा बढ़ जाएगी। भले ही राफेल 4.5 पीढ़ी का विमान है, लेकिन जानकार कहते हैं कि यह चीन के पांचवी पीढ़ी के J-20 को टक्कर दे सकता है।
राफेल को लेकर क्या कहते हैं जानकार?
इंडिया टूडे से बात करते हुए एयर मार्शल (रिटायर्ड) आर नंबियार ने कहा, "राफेल चीन के J-20 से बेहतर है। भले ही चीन J-20 को पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान बताता है, लेकिन यह ज्यादा से ज्यादा 3.5 पीढ़ी का विमान है। इसमें हमारे सुखोई-30 की तरह तीसरी पीढ़ी का इंजन लगा हुआ है।" साथ ही J-20 की मजबूती को लेकर किए जा रहे दावों पर भी कई बार सवाल उठ चुके हैं।
हथियारों के साथ राफेल का मुकाबला नहीं कर सकता Su35
जानकारों का कहना है कि अगर के J-20 विमान सर्वोत्तम हैं तो चीन ने रूस के Su35 विमानों पर भरोसा क्यों दिखाया है। अगर चीन इनका मुकाबला भी करता है तो यह राफेल से बेहतर नहीं होंगे। नंबियार कहते हैं, "Su35 भी राफेल की हथियारों और सेंसर के साथ बराबरी नहीं कर सकता। चार मिसाइलों के साथ भी इसकी रफ्तार और मजबूती Su35 से ज्यादा घातक है।" स्थिरता और भरोसे के मामले में राफेल का इंजन इससे बेहतर है।
युद्धक क्षमता में भी राफेल आगे
वायुसेना के एक अधिकारी बताते हैं कि राफेल अपने वजन से 1.5 गुना अधिक भारत उठा सकता है। इसकी हथियार ले जाने और ईंधन की क्षमता J-20 से ज्यादा है। इसके अलावा राफेल एक बार उड़ने के बाद चार अभियानों को अंजाम दे सकता है, जबकि J-20 एक उड़ान में ऐसा नहीं कर सकता। राफेल को अफगानिस्तान, लिबिया और सीरिया में आजमाया जा चुका है, लेकिन J-20 आजतक किसी अभियान का हिस्सा नहीं रहे हैं।
मिसाइलों के साथ और भी घातक है राफेल
राफेल में लगी मिसाइलें इसे अन्य कई लड़ाकू विमानों से ज्यादा घातक बनाती है। राफेल में मीटियोर और स्काल्प मिसाइलें लगी हुई हैं, जो इसे एयरस्ट्राइक और हवाई लड़ाई के लिए अधिक शक्तिशाली बनाती है। मीटियोर लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो 150 किमी की रेंज में अपने निशाने को तबाह कर सकती है। वहीं स्काल्प की रेंज 200 किमी है और इसे जमीन और पानी पर दागा जा सकता है।
राफेल की अन्य खासियत क्या है?
राफेल एक आधुनिक लड़ाकू विमान है जो अपनी रफ्तार, हथियार रखने और आक्रमण करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। यह सिंगल और डुअल सिटिंग केबिन के साथ उपलब्ध है। भारत ने 28 सिंगल और आठ डुअल सीट विमानों का ऑर्डर दिया है। इसकी लंबाई 15.27 मीटर और पंखों समेत चौड़ाई 10.80 मीटर है। बिना हथियारों के इसका वजन 9,900 किलो से लेकर 10,600 किलोग्राम तक होता है। यह कुल 24,500 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है।
राफेल में लगे हैं दो इंजन
राफेल में दो SNECMA M88 इंजन लगे हैं। इनकी मदद से यह 1,912 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 3,700 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। इसमें 'जीरो जीरो' इजेक्शन सीट लगी है, जो जीरो स्पीड और जीरो उंचाई पर भी काम कर सकती है।