विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे की अमेरिका प्रत्यर्पण रोकने की अंतिम कोशिश, लंदन हाई कोर्ट पहुंचे
दुनिया में सनसनी मचाने वाली वेबसाइट 'विकिलीक्स' के संस्थापक जूलियन असांजे ने अपने अमेरिका प्रत्यर्पण को रोकने की अंतिम कोशिश शुरू की है। मामला सैन्य रहस्यों को लीक करने से जुड़ा है। BBC के मुताबिक, असांजे की बचाव टीम ने लंदन हाई कोर्ट में याचिका दायर की है और 2 दिवसीय सुनवाई में प्रत्यर्पण की मंजूरी को रद्द कराने की कोशिश में है। उन्होंने कहा कि असांजे पर केस राजनीति से प्रेरित है और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है।
असांजे की पत्नी बोलीं- सेहत खराब हो रही
रिपोर्ट के मुताबिक, असांजे की पत्नी स्टेला ने बताया कि उनके पति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दिनों-दिन खराब हो रहा है। उन्होंने असांजे के जीवन पर खतरे की आशंका जताई है। स्टेला ने कहा कि जेल में रहने पर हर दिन असांजे की जान जोखिम में रहती है और अगर उन्हें प्रत्यर्पित किया गया तो वह मर जाएंगे। अमेरिका के अभियोजक असांजे पर 18 आरोपों के तहत मुकदमा चलाना चाहते हैं और प्रत्यर्पण की मांग कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे ने 2006 में विकिलीक्स की संस्थापना की थी। उनकी वेबसाइट 'विकिलीक्स' 2007 में अमेरिका की ग्वांतानामो बे स्थित जेल में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के खुलासे से चर्चा में आई थी। इसके बाद उन्होंने कई न्यूज संगठनों के साथ मिलकर अमेरिकी सेना और सरकार से संबंधित लाखों गोपनीय कूटनीतिक दस्तावेजों को सार्वजनिक किया था। 2010 में असांजे पर स्वीडन की 2 महिलाओं ने रेप के मुकदमे दर्ज कराए, जिसके बाद उन्हें लंदन में गिरफ्तार किया गया।
2012 से ले रखी थी इक्वाडोर दूतावास में शरण
जमानत के बाद मई, 2012 में ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामलों की जांच के लिए उनका स्वीडन प्रत्यर्पण जरूरी है। प्रत्यर्पण टालने के लिए उन्होंने जून में इक्वाडोर के लंदन दूतावास में शरण ली। 2019 में उन्हें वापस गिरफ्तार किया गया था।