हैदराबाद: चिल्कुर मंदिर के पुजारी ने भगवान बालाजी समेत दूसरे देवी-देवताओं के लिए मांगी नागरिकता
"मोदी जी सुधर जाओ नहीं तो गुजर जाओ" जैसे नारों के साथ आए दिन लोग नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) का विरोध कर रहे हैं। इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है कि उसके बारे में जानकर हर कोई हैरान है। दरअसल, आंदोलनों की गर्मा-गर्मी के बीच हैदराबाद के चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी सीएस रंगराजन ने हिंदू देवी-देवताओं के लिए सरकार से नागरिकता देने की मांग की है।
हिंदू देवी-देवताओं के लिए नागरिकता की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रंगराजन ने सरकार से तिरुमाला के वेंकटेश्वर स्वामी, सबरीमाला के अयप्पा स्वामी जैसे सभी हिंदू देवताओं को CAA की धारा 5 (4) के तहत नागरिकों के रूप में पंजीकृत करने की मांग की है। रंगराजन ने कहा कि हर भगवान को नाबालिग माना जाता है। इसलिए CAA के तहत एक नाबालिग भी नागरिकता का हकदार है तो इस प्रावधान के तहत सभी मंदिरों के देवताओं को भी नागरिकता मिलनी चाहिए।
हिंदू धर्म के सभी देवी-देवताओं को धार्मिक आजादी का खतरा- रंगराजन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सबरीमाला मंदिर मामले में रंगराजन ने CAA के फैसले को हिंदू देवी-देवताओं की धार्मिक आजादी के लिए खतरा बताया है। रंगराजन के अनुसार, 'संवैधानिक प्रावधानों और न्यायिक फैसलों के बावजूद, अव्यवस्था के बहाने हिंदू मंदिर, धार्मिक स्थल और चैरिटेबल संस्थाओं की बागडोर नियमित रूप से राज्य को दी जा रही है जबकि दूसरे धार्मिक स्थलों को उनके समुदाय के लोगों खुद ही व्यवस्थित और देखरेख करते हैं।'
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। वहीं, इस कानून के तहत मुसलमानों को शामिल नहीं किए जाने से भारत सरकार पर संविधान के खिलाफ होने के आरोप लग रहे हैं। इसी वजह से CAA के खिलाफ अन्य जगहों के साथ-साथ 44 दिनों से शाहीन बाग में लगातार धरना प्रदर्शन जारी है।