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चीन ने चांद पर फहराया अपना झंडा, ऐसा करने वाला बना दुनिया का दूसरा देश

चीन ने चांद पर फहराया अपना झंडा, ऐसा करने वाला बना दुनिया का दूसरा देश

Dec 05, 2020
04:57 pm

क्या है खबर?

चीन ने चांद की सतह पर अपना झंडा फहराने का कारनामा किया है। वह ऐसा करने वाला दुनिया का दूसरा देश है। उससे पहले यह कमाल संयुक्त राज्य अमेरिका (US) ने 50 साल पहले किया था। चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने चंद्रमा पर फहराए गए अपने झंडे का फोटो शेयर किया है। ये फोटो गुरुवार को चंद्रमा से पृथ्वी पर लौटने से पहले 'चांग-5' स्पेसक्रॉफ्ट से लिए गए थे। अंतरिक्ष में चीन की यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

चंद्र मिशन

मंगलवार को चांद की सतह पर उतरा था 'चांग-5'

'चांग-5' गत 23 नवंबर को वेंचैंग स्पेसक्राफ्ट लॉन्च साइट से लॉन्च होने के बाद मंगलवार को सफलतापूर्वक चांद की सतह पर उतरा था। इस दौरान वह अपने साथ चीन का पांच सितारों वाला लाल झंडा भी लेकर गया था। चीन के इस चंद्र मिशन का उद्देश्य दो से चार किलो वजनी चांद की चट्टानों के टुकड़ों को पृथ्वी पर लाना था। चांद पर फहराए गए चीन के इस झंडे की लंबाई 90 सेंटीमीटर और चौड़ाई दो मीटर है।

महत्व

क्या है चीन के इस मिशन का महत्व?

चीन चांद की चट्टानों को पृथ्वी पर लाने वाला अमेरिका और रूस के बाद तीसरा देश है। हालांकि, दोनों देशों द्वारा चांद से पृथ्वी पर लाए गए चट्टानों के टुकड़े करीब 320 करोड़ वर्ष पुराने हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न क्वींसलैंड के एक खगोलशास्त्री जोंटी हॉर्नर ने ABC को बताया कि जिस स्थान से चीनी मिशन ने चट्टानों के टुकड़े उठाए हैं, उनसे देश के वैज्ञानिकों को चांद की मौजूदगी के और सटीम समय का पता लगाने में मदद मिलेगी।

जानकारी

मिशन ने भविष्य में काम आने वाली तकनीकों का किया परीक्षण

चीनी के इस मिशन ने भविष्य में काम आने वाली तकनीकों का भी परीक्षण किया है। चीन के अंतरिक्ष मिशनों की कवरेज करने वाले पत्रकार एंड्रयू जोन्स ने बताया कि मिशन में नेविगेशन, लैंडिंग, अंतरिक्ष में डॉकिंग आदि का भी परीक्षण किया गया है।

योजना

अब मंगल ग्रह पर चीन की नजर

चीन ने कहा है कि वह चांद पर मानवयुक्त मिशन भेजने और दशक के अंत तक वहां एक स्थायी आधार स्थापित करने की योजना भी बना रहा है। इसके अलावा वह मंगल गृह पर भी इसी तरह के मिशन की योजना बना रहा है। राष्ट्र ने पहले ही ग्रह के लिए एक अंतरिक्ष यान भेज दिया है जिसके मई 2021 तक वहां पहुंचने की उम्मीद है। मिशन के साल 2030 तक मार्टियन सामग्री लेकर पृथ्वी पर पहुंचने की उम्मीद है।

शुरुआत

अमेरिका ने की थी चांद पर झंडा फहराने की शुरुआत

बता दें कि चांद पर झंडों को फहराने की परंपरा संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा शुरू की गई थी। अमेरिका ने 1969 में मानवयुक्त अपोलो-11 मिशन के दौरान चंद्रमा पर पहला झंडा लगाया था। 1972 तक बाद के मिशनों के दौरान पांच और अमेरिकी झंडे सतह पर फहराए जा चुके हैं। चीन के इस स्पेस प्रोब के 16 दिसंबर को इनर मंगोलिया में उतरने में उम्मीद है। वहां से, नमूनों को विश्लेषण के लिए विशेष प्रयोगशालाओं में पहुंचाया जाएगा।