WHO को बताने से 2 हफ्ते पहले से चीन को थी कोरोना वायरस की जानकारी- रिपोर्ट
कोरोना वायरस की उत्पत्ति और इसके फैलने के पीछे कई बार चीन का नाम सामने आया है। अब अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जनरल ने नया खुलासा किया है। अखबार ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि वायरस के बारे में दुनिया को बताने से 2 हफ्ते पहले चीन के वैज्ञानिकों ने इसकी मैपिंग की थी। अमेरिकी कांग्रेस की जांच से जुड़े दस्तावेजों से इस बात का खुलासा हुआ है।
वैज्ञानिकों ने 2 हफ्ते देरी से दी WHO को जानकारी
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी वैज्ञानिकों ने 28 दिसंबर, 2019 को ही अमेरिकी सरकार द्वारा संचालित एक डाटाबेस में कोरोना वायरस का लगभग पूरा अनुक्रम अपलोड कर दिया था, यानी वैज्ञानिकों को पहले से ही वायरस के बारे में पता था। हालांकि, चीन ने इसकी जानकारी 11 जनवरी, 2023 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ साझा की। इस खुलासे के बाद करोड़ों लोगों की जान लेने वाले वायरस से निपटने में चीन की भूमिका पर फिर सवाल उठने लगे हैं।
मामले पर चीन का क्या कहना है?
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने डाटा अपलोड करने वाले वैज्ञानिक से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और डाटा को भी हटा दिया गया। अखबार से बात करते हुए चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, "हमारी कोविड प्रतिक्रिया नीतियां विज्ञान-आधारित, प्रभावी और चीन की राष्ट्रीय वास्तविकताओं के अनुरूप थीं। चीन ने विज्ञान के आधार पर कोविड प्रतिक्रिया को और अधिक लक्षित बनाने के लिए इसे परिष्कृत करना जारी रखा है।"
काफी अहम साबित हो सकते थे 2 हफ्ते
दस्तावेजों में कहा गया है कि दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए 2 हफ्ते का समय कोरोना वायरस के आने वाले खतरों का पता लगाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते थे। चीन ने वुहान के उस सीफूड बाजार को भी समय रहते बंद नहीं किया, जहां से सबसे पहले वायरस फैला था। इसी दौरान चीन में नए साल का जश्न मनाने के लिए हजारों लोग इधर से उधर गए और वायरस फैलता गया।
चीन की भूमिका पर पहले भी उठे हैं सवाल
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब कोरोना वायरस के संबंध में चीन की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी में हुई किसी दुर्घटना से फैला है, जबकि कुछ में कहा गया है कि ये सीफूड बाजार में किसी जीव से फैला और चीन इसे छिपाता रहा। चीन पर वायरस से हुई मौतों के आंकड़े छिपाने के भी आरोप हैं।