चीन में फैल रही रहस्यमयी बीमारी, केंद्र के निर्देश पर इन राज्यों में अलर्ट
चीन में रहस्यमयी निमोनिया के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद से राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों ने अपने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को अलर्ट पर रखा है। बुधवार से इन राज्यों ने श्वसन संबंधी बीमारियों के खिलाफ तैयारियों के उपायों की समीक्षा तेज कर दी। बता दें कि चीन में विशेषकर बच्चों में रहस्यमयी निमोनिया और H9N2 के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है।
राजस्थान सरकार ने 3 दिन में कार्य योजना बनाने के दिए निर्देश
राजस्थान सरकार ने संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों से बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए 3 दिन में कार्य योजना तैयार करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने अधिकारियों से कहा कि वर्तमान में चिंताजनक बात नहीं है, लेकिन संक्रामक रोगों की निगरानी और रोकथाम के लिए पूरी सतर्कता आवश्यक है। उन्होंने मामले में अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने और संभाग एवं जिला स्तर पर त्वरित प्रतिक्रिया दल गठित करने को कहा है।
गुजरात में सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट रहने का आदेश
गुजरात सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र के निर्देश पर एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया गया। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा कि चीन में फैल रही रहस्यमयी बीमारी को ध्यान में रखते हुए सरकारी अस्पतालों ने एक बार फिर तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मानव संसाधन की उपलब्धता और चिकित्सीय व्यवस्था की समीक्षा जारी है।
केंद्र के निर्देश के बाद उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की अलर्ट
उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के बाद अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने मेडिकल टीमों से बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा के मामलों पर नजर रखने को कहा है।
कर्नाटक ने मौसमी फ्लू को लेकर जारी की एडवाइजरी
कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को अलर्ट पर रखते हुए सभी नागरिकों को बीमारियों के संबंध में मौसमी फ्लू के प्रति सचेत रहने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने कहा, "मौसमी फ्लू से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को खतरा हो सकता है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। संक्रमण का कोई लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में तुरंत जांच करवाएं।"
तमिलनाडु में स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की तैयारी
तमिलनाडु में स्वास्थ्य विभाग ने संक्रामक बीमारियों के खिलाफ तैयारियों के उपायों की समीक्षा शुरू की है। इस संबंध में केंद्र के निर्देश पर सभी अस्पतालों को बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने को कहा है। इसके अलावा निजी स्वास्थ्य सुविधाओं सहित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से राज्य स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल में गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी या इन्फ्लूएंजा जैसी मामलों को रिपोर्ट करने का अनुरोध भी किया गया है।
केंद्र ने क्या दिए हैं निर्देश?
मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशानिर्देश जारी किए थे। मंत्रालय ने कहा कि श्वसन संबंधी बीमारी में वृद्धि इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS-CoV-2 जैसे कारणों से हो रही है। इसे देखते हुए मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अस्पतालों में मानव संसाधन की उपलब्धता, बेड, इन्फ्लूएंजा के लिए दवाएं और टीके, ऑक्सीजन संयंत्रों और वेंटिलेटरों की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमण नियंत्रण की समीक्षा के लिए कहा है।
चीन में क्या हैं हालात?
हाल में उत्तरी चीन में विशेषकर बच्चों में सांस संबंधी बीमारियों और H9N2 संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इसकी चपेट में आए लगभग 1,200 बच्चों को तुरंत ही अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा। चीन में बिगड़ती स्थिति पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिंता जताई है और बीजिंग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। WHO ने चीन को संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए कदम उठाने का भी आग्रह किया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
चीन में नई-नई बीमारियों के फैलने की एक वजह यहां के खुले मीट के बाजार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन बाजारों में सीमित स्वच्छता और ढीली निगरानी के साथ विभिन्न जानवरों, पशु-पक्षियों और समुद्री जीवों से लेकर सरीसृपों का मांस बेचा जाता है। उनका कहना है कि विभिन्न पक्षी, स्तनधारी और सरीसृपों से संक्रामक बीमारियां फैलने का अधिक खतरा रहता है और ये संभावित रूप से अपने संपर्क में आने वाले मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं।