
पन्नू हत्या साजिश: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की आरोपी निखिल गुप्ता की याचिका, संवेदनशील मामला बताया
क्या है खबर?
खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी निखिल गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।
कोर्ट ने उनके परिवार द्वारा उनकी तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में निखिल तक कांसुलर पहुंच और चेक गणराज्य में कानूनी सहायता देने की मांग की गई थी।
बता दें कि निखिल चेक गणराज्य की जेल में बंद हैं और केवल एक बार भारतीय राजनयिक को उन तक कांसुलर पहुंच मिली है।
संवेदनशील
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा, "यह एक संवेदनशील मामला है। ये मामला सरकार के क्षेत्राधिकार में है और सरकार ही तय करेगी कि क्या कदम उठाए।"
कोर्ट ने कहा, "सार्वजनिक अंतरराष्ट्रीय कानून और कोर्ट्स के सहयोग को ध्यान में रखते हुए हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते।"
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि उसे विदेशी कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का सम्मान करना चाहिए।
बता दें कि अमेरिका ने निखिल पर पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट
निखिल गुप्ता के वकील ने कहा- दोबारा नहीं मिली कांसुलर पहुंच
सुनवाई के दौरान गुप्ता के परिजनों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम ने कोर्ट से कहा कि निखिल को अभियोग के बाद कांसुलर पहुंच से वंचित कर दिया गया।
सुंदरम ने जोर देते हुए कहा कि यह विदेशी जेल में बंद एक भारतीय के मानवाधिकार का मामला है।
सुंदरम ने कहा, "कांसुलर पहुंच का मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति एक बार आकर आपसे मिल ले और फिर सब खत्म हो जाए।"
जानकारी
वकील ने मांगा मंत्रालय से सहयोग
वकील सुंदरम ने इस मामले में विदेश मंत्रालय के सहयोग की मांग की और दावा किया कि उन्हें दोबारा न तो कांसुलर पहुंच दी गई, न ही अब तक कोई अनुवादक दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ही इस पर कोई कदम उठाएगी।
वकील
याचिका में क्या कहा गया था?
कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि गुप्ता को जेल में अलग-थलग रखा गया है और उन्हें गाय और सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
इसके अलावा ये भी दावा किया गया कि गिरफ्तारी से पहले उन्हें कोई वारंट नहीं दिखाया गया और स्थानीय चेक अधिकारियों के बजाय अमेरिकी एजेंटों ने निखिल को गिरफ्तार किया था।
गुप्ता ने अपनी जान को खतरा बताते हुए भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी।
आरोप
निखिल पर क्या आरोप हैं?
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, निखिल ने एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के निर्देश पर पन्नू की हत्या की सुपारी दी थी। इस काम के बदले उसे एक लाख डॉलर दिए जाने थे।
निखिल ने अपराधियों के बीच उठने-बैठने वाले एक शख्स के जरिए एक सुपारी किलर ढूढ़ने को सुपारी दी थी।
हालांकि, ये शख्स एक गुप्त अमेरिकी एजेंट था। इस शख्स ने निखिल को जिस सुपारी किलर से मिलवाया, जो खुद अंडरकवर अफसर था।
इससे पूरी साजिश नाकाम हो गई।
निखिल
अमेरिका के अनुरोध पर चेक गणराज्य में गिरफ्तार किए गए थे निखिल
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निखिल को एक बिजनेस ट्रिप के दौरान पिछले साल 30 जून को चेक गणराज्य के प्राग एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था।
यह गिरफ्तारी अमेरिका के कहने पर हुई थी। दरअसल, अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि है। अमेरिका में निखिल पर मुकदमा चल रहा है और उसके चेक से अमेरिका प्रत्यर्पण की तैयारी है।
भारत भी अपने स्तर पर मामले की जांच कर रहा है।