क्या चीनी राष्ट्रपति ने ही अपने विदेश मंत्री को मरवाया? जानें रिपोर्ट में क्या-क्या सामने आया
चीन के पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग की जुलाई में बीजिंग के एक अस्पताल में मौत हो गई थी और या तो उन्होंने आत्महत्या की थी या उन्हें यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा गया था। मामले की जानकारी रखने वाले शीर्ष सूत्रों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में ये दावा किया गया है। बता दें कि गैंग इस साल जून में रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गए थे। गायब होने के समय में वे विदेश मंत्री थे।
रिपोर्ट में क्या दावा किया गया?
समाचार वेबसाइट पोलिटिको की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन की गोपनीय जानकारियां पश्चिमी देशों को लीक करना गैंग के गायब होने का अहम कारण था। दरअसल, गैंग तत्कालीन रक्षा मंत्री ली शांगफू और कुछ सैन्य जनरलों के साथ एक 'रॉकेट फोर्स' का हिस्सा थे, जो चीन के परमाणु हथियार कार्यक्रम का संचालन करती है। रिपोर्ट के अनुसार, शक था कि गैंग और फोर्स के अन्य पदाधिकारियों के परिजनों ने चीन की गुप्त परमाणु सूचनाएं पश्चिमी खुफिया एजेंसियों को पहुंचाई थीं।
चीन सरकार को कैसे मिली जासूसी की जानकारी?
रिपोर्ट में कहा गया है कि गैंग ने विदेश मंत्री बनने के 6 महीने बाद 25 जून को बीजिंग में श्रीलंका और वियतनाम के विदेश मंत्रियों के साथ-साथ रूसी उप विदेश मंत्री एंड्रे रुडेंको के साथ बैठकें की थीं। हालांकि, रुडेंको का असली अभियान ये पता लगाना था कि गैंग और चीनी सेना के अन्य कुछ वरिष्ठ अधिकारी पश्चिमी देशों के साथ गोपनीय जानकारी साझा रहे हैं या नहीं। वे राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इशारे पर काम कर रहे थे।
रुडेंको ने जिनपिंग को गैंग के बारे में क्या बताया?
रुडेंको से मुलाकात के बाद ही गैंग अचानक लापता हो गए थे, इसलिए ये समझना मुश्किल नहीं है कि उन्होंने जिनपिंग को गैंग के बारे में क्या बताया होगा। रिपोर्ट के अनुसार, रुडेंको ने जिनपिंग को जो संदेश दिया, उसमें गैंग के गोपनीय परमाणु जानकारी पश्चिमी देशों को पहुंचाने की बात भी शामिल थी। दिलचस्प बात है कि गैंग के साथ-साथ तत्कालीन रक्षा मंत्री शांगफू और 'रॉकेट फोर्स' का हिस्सा रहे अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी गायब हैं।
गैंग के लापता होने का और क्या कारण मान जा रहा?
रिपोर्ट के अनुसार, गैंग के लापता होने के बाद पीछे एक वजह हागंकांग स्थित फीनिक्स टीवी की प्रसिद्ध रिपोर्टर फू जियाओटियन के साथ उनके कथित विवाहेतर संबंधों को भी माना जाता है। दावा किया जाता है कि दोनों का एक बेटा भी था, जो अमेरिकी नागरिक था। फू पर पश्चिमी देशों की एजेंट होने का आरोप लगता है और उनका कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पढ़ना इस शक को मजबूती देता है, जो ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी का भर्ती स्थल है।
चीनी सरकार का मामले पर क्या कहना है?
चीनी सरकार ने अभी तक गैंग के गायब होने पर कोई भी विश्वसनीय जवाब नहीं दिया है। इसके अलावा उसने सैन्य अधिकारियों द्वारा परमाणु कार्यक्रम की जानकारी पश्चिमी खुफिया एजेंसियों से साझा करने के आरोपों पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया है। ये चुप्पी मामले में चीन के शीर्ष नेतृत्व यानि जिनपिंग की संलिप्तता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। इस बीच फू भी अप्रैल से गायब हैं और उनका कुछ नहीं पता है।
कौन थे किन गैंग?
गैंग उत्तर-पूर्वी शहर तियाजिन के रहने वाले थे। उन्हें दिसंबर, 2022 में चीन का विदेश मंत्री बनाया गया था। इससे पहले वे चीनी विदेश मंत्रालय में अलग-अलग भूमिकाएं निभा चुके थे। वे अमेरिका में चीन के राजदूत भी रहे। वह 2018 से 2021 तक विदेश मामलों के उपमंत्री भी रहे थे। उन्हें 'वुल्फ वॉरियर' राजनयिक माना जाता है, यानी ऐसा राजनयिक, जो उग्र तरीके से चीन का बचाव करता था। वे शादीशुदा थे और उनका एक बेटा भी है।