कनाडा: जाने वाली है बच्चों की आंखों की रोेशनी, इसलिए उन्हें दुनिया घुमा रहे माता-पिता
क्या है खबर?
कनाडा में रहने वाली एक दंपति अपने चार बच्चों के साथ वर्ल्ड टूर करने के लिए निकली है। पढ़ने में यह भले ही अच्छा लग रहा है, लेकिन दंपति शौक से नहीं बल्कि मजबूरी के कारण वर्ल्ड टूर पर निकली है।
दरअसल, दंपति के चार बच्चों में से तीन को रेटिनाइटिल पिगमेंटोसा नाम की एक बीमारी है। इसके कारण उनकी आंखों की रोशनी कभी भी जा सकती है, इसलिए माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे पूरी दुनिया देख लें।
मामला
क्या है पूरा मामला?
कनाडा के सेबेस्टीन पैलेटियर और इदिथ लेमे की पहली बेटी मिया सिर्फ तीन साल की थी जब उसे देखने में परेशानी होने लगी, जिसके बाद माता-पिता ने मिया को आंखों के विशेषज्ञ को दिखाया।
डॉक्टर ने बताया कि मिया को रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा बीमारी है, जिसकी वजह से मिया ज्यादा समय तक देख नहीं पाएंगी।
इसके बाद मिया के दो भाइयों कोलिन (7) और लॉरेन (5) में भी मिया जैसे कम दिखने के लक्षण महसूस होने लगे।
बीमारी
टेस्ट कराने पर दोनों भाइयों को भी निकली मिया वाली बीमारी
दंपति ने जब 2019 में दोनों भाइयों का चेकअप कराया तो उन्हें भी वही बीमारी निकली जो मिया को है। फिलहाल दंपति के चौथे बेटे लियो में इस बीमारी का कोई लक्षण नहीं है।
बच्चों की मां इदिथ ने कहा, "इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और ये भी नहीं मालूम कि ये बीमारी कब तक अपने चरम पर होगी। कहते हैं कि बच्चों की आधी जिंदगी गुजरने के बाद आंखों की रोशनी पूरी तरह चली जाएगी।"
कारण
दंपति ने इस कारण लिया वर्ल्ड टूर का फैसला
इदिथ ने बताया कि उनकी बेटी के डॉक्टर ने आंखों की रोशनी जाने से पहले बच्चों की विजुअल मेमोरीज बढ़ाने की सलाह दी थी।
इदिथ ने कहा, "किसी किताब से हाथी की तस्वीर को बताने से अच्छा है कि मैं बच्चों को असली हाथी दिखाऊं ताकि वो उनकी मेमोरी में बना रहे। नई जगह जाने से बच्चों को अलग-अलग कल्चर के बारे में भी जानकारी होगी। इस वजह से हमने वर्ल्ड टूर करने का फैसला लिया।"
पैसे
वर्ल्ड टूर करने के लिए ऐसे जमा किए पैसे
सेबेस्टीन फाइनेंस कंपनी में और इदिथ हेल्थकेयर में काम करती हैं। उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वो वर्ल्ड टूर कर पाएं, इसलिए उन्होंने सेविंग करना शुरू किया।
इसी दौरान सेबेस्टीन की कंपनी को बड़ी कंपनी ने खरीद लिया। इससे उनके शेयर के बदले उन्हें काफी पैसा मिल गया, जिससे उन्होंने टूर प्लान किया।
टूर की शुरुआत मार्च, 2022 में नामीबिया से हुई जहां बच्चों ने जानवरों को नजदीक से देखा। इसके बाद वे तुर्की, मंगोलिया और इंडोनेशिया गए।
परिवार
अगले साल टूर से वापस लौट सकता है परिवार
घूमने से इंसान एंजॉय करने के साथ-साथ बहुत कुछ सीखता भी है, इसलिए इदिथ बच्चों को कुछ अलग दिखाने और सिखाने की कोशिश करती रहती हैं ताकि बच्चे अपनी जिंदगी में कभी भी मलाल न करें।
परिवार अगले साल 2023 के मार्च में वापस घर लौट सकता है। हालांकि, अभी तक उन्होंने इसके बारे में कुछ सोचा नहीं है। परिवार का कहना है कि अभी वो जो कर रहे हैं, उसी को जीना चाहते हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (RP) में रेटिना की कोशिकाएं धीरे-धीरे टूटने लगती हैं, जिसके कारण आंखों की रोशनी कम होती जाती है। इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर बचपन में ही शुरू होते हैं और ज्यादातर लोग इस बीमारी के कारण अंधेपन का शिकार हो जाते हैं।