नागरिकता कानून: प्रदर्शनों में जाने के कारण कहीं शिक्षक सस्पेंड तो कहीं छात्र को निकाला गया
क्या है खबर?
लखनऊ में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में भाग लेने के कारण एक कॉलेज ने अपने शिक्षक को सस्पेंड कर दिया है।
इसकी पुष्टि करते हुए शिया PG कॉलेज के मैनेजर अब्बास मुर्तजा सम्शी ने कहा कि कॉलेज में कॉन्ट्रैक्ट पर पढ़ाने वाले शिक्षक रॉबिन वर्मा को प्रदर्शनों में भाग लेने के कारण लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
मीडिया में यह रिपोर्ट आने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।
मामला
19 दिसंबर को प्रदर्शनों में शामिल हुए थे वर्मा
वर्मा ने 19 दिसंबर को नागरिकता कानून के विरोध में लखनऊ में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।
वर्मा पर हुई कार्रवाई के बारे में बताते हुए मुर्तजा ने कहा कि उनको सस्पेंड करने के ऑर्डर की कॉपी उच्च शिक्षा विभाग, लखनऊ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, जिलाधिकारी और लखनऊ के SSP को भेजी गई है।
उन्होंने कहा कि कॉलेज की तीन सदस्यीय कमेटी इस मामले की जांच करेगी, जिसके आधार पर वर्मा पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
लखनऊ
प्रदर्शन का आह्वान करने पर छात्र को यूनिवर्सिटी से निकाला
इससे पहले लखनऊ में ही ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ऊर्दू अरबी फारसी यूनिवर्सिटी ने BA अंतिम वर्ष के छात्र अहमद रजा खान को निकाल दिया था।
रजा पर आरोप है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी कैंपस में नागरिकता कानून और प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया था।
इसके बाद रविवार को यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर प्रोफेसर महरुख मिर्जा ने छात्र के व्यवहार की निंदा करते हुए उसे यूनिवर्सिटी से निकाल दिया।
समर्थन
नागरिकता कानून के विरोध और छात्रों के समर्थन में उतरे BHU के प्रोफेसर
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में लखनऊ से उलट तस्वीर देखने को मिली है।
यूूनिवर्सिटी और इससे संबंधित कॉलेजों के 51 प्रोफेसरों ने नागरिकता कानून के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया है।
इससे पहले पुलिस ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे यूनिवर्सिटी के एक दर्जन से ज्यादा छात्रों को गिरफ्तार किया था।
हस्ताक्षर अभियान चलाने वाले प्रोफेसरों का कहना है कि इस कानून के लंबे समय में बुरे परिणाम सामने आएंगे और सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
कानून और विरोध
क्या है नागरिकता कानून और इसके विरोध की वजह?
नागरिकता संशोधन कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए गैर-मुस्लिम लोगों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी। मुस्लिमों को इस कानून से बाहर रखा गया है।
देशभर के शहरों में बड़ी संख्या में छात्र, राजनीतिक दल और आम लोग इस कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इनका कहना है कि यह कानून देश के संविधान का उल्लंघन करता है।