अमेरिका में हुए ट्रायल में 79 प्रतिशत प्रभावी पाई गई एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन
क्या है खबर?
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी की कोरोना वायरस वैक्सीन को अमेरिका में हुए तीसरे चरण के ट्रायल में 79 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। वैक्सीन गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति को रोकने में 100 प्रतिशत कामयाब रही।
ये नतीजे आने के बाद कंपनी अमेरिका में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन कर सकती है। इसके लिए उसे इस ट्रायल के नतीजों के अलावा अन्य कई सूचनाएं भी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को सौंपनी होंगी।
ट्रायल
32,000 से अधिक लोगों पर किया गया था ट्रायल
'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने अमेरिका में 32,000 से अधिक लोगों पर अपनी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किया था। यह दुनियाभर में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल था और इसमें अमेरिका के अलावा चिली और पेरू के लोग भी शामिल थे।
ट्रायल के दौरान दो तिहाई लोगों को वैक्सीन की दो खुराकें दी गईं, वहीं बाकी लोगों को प्लेसिबो दिया गया। दो खुराकों के बीच 28 दिन का अंतर रखा गया।
नतीजे
141 पॉजिटिव मामलों के विश्लेषण में 79 प्रतिशत प्रभावी पाई गई वैक्सीन
सोमवार को इस ट्रायल के अंतरिम नतीजे जारी करते हुए एस्ट्राजेनेका ने कहा कि वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित और 79 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है।
इसके अलावा ट्रायल के दौरान जिन्हें भी वैक्सीन लगी थी, उनमें से किसी को भी गंभीर कोविड नहीं हुआ और न ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी। इसका मतलब वैक्सीन गंभीर बीमारी रोकने में 100 प्रतिशत प्रभावी रही।
141 कोरोना पॉजिटिव मामलों के विश्लेषण के बाद ये नतीजे आए हैं।
जानकारी
65 साल से अधिक उम्र के लोगों पर 80 प्रतिशत प्रभावी पाई गई वैक्सीन
ट्रायल के दौरान वैक्सीन को सभी उम्र और नस्ल के लोगों पर बराबर प्रभावी और सुरक्षित पाया गया। ट्रायल में शामिल रहे 65 साल से अधिक उम्र के 6,000 लोगों पर वैक्सीन 80 प्रतिशत प्रभावी पाई गई।
लाइसेंस
जल्द आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन करेगी एस्ट्राजेनेका
ट्रायल के इन नतीजों के बाद अब एस्ट्राजेनेका जल्द ही अमेरिका में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन कर सकती है। आवेदन के बाद FDA की विशेषज्ञ समिति इस पर सार्वजनिक बहस करेगी और इसकी सिफारिश के बाद वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी जाएगी।
हालांकि FDA की मंजूरी के बावजूद अमेरिका में इस वैक्सीन की जरूरत मुश्किल पड़ेगी और मई तक उसके पास अपनी पूरी वयस्क आबादी के वैक्सीनेशन के लिए अन्य वैक्सीनों की पर्याप्त खुराकें होंगी।
सवालों के जवाब
वैक्सीन की विश्वसनीयता को बढ़ाएंगे इस ट्रायल के नतीजे
बता दें कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर उठे एक के बाद एक सवालों के बीच सबकी नजरें अमेरिका के इस ट्रायल पर लगी हुई थीं और इसके नतीजे वैक्सीन की विश्वसनीयता को बढ़ाएंगे।
ब्रिटेन में हुए ट्रायल में तकनीकी खामी के कारण इसकी प्रभावशीलता पर संशय बना हुआ था। इसके अलावा कई देशों ने इसे बुजुर्गों पर कम प्रभावी भी बताया था।
अब इस ट्रायल ने इन दोनों सवालों का जवाब दे दिया है और यह बुजुर्गों पर भी प्रभावी है।
महत्वपूर्ण बात
वैक्सीन के कारण खून के थक्के जमने से संबंधित सवालों का भी मिला जवाब
इसके अलावा लाभार्थियों के खून में थक्के जमने की जिस समस्या का हवाला देकर कई यूरोपीय देशों ने वैक्सीन का इस्तेमाल बंद कर दिया था, इस ट्रायल ने इससे संबंधित सवालों का भी जवाब दिया है।
ट्रायल में किसी भी लाभार्थी में वैक्सीन के कारण खून के थक्के जमने का खतरा नहीं बढ़ा। इसके अलावा लाभार्थियों में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी नहीं देखने को मिलीं जिनके कारण पिछले साल दुनियाभर में वैक्सीन के ट्रायल को रोक दिया गया था।