पानी बचाने के लिए ऑस्ट्रेलिया में 10,000 जंगली ऊंटों पर बरसाई जाएंगी गोलियां
हमारे देश में पानी बचाने के लिए कई जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। लोगों को पानी का दुरुपयोग बंद करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, लेकिन किसी बेजुबां की हत्या नहीं की जा रही है। इसके उलट दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में पानी के लिए 10,000 जंगली ऊंटों की हत्या करने का अमानवीय कृत्य किया जा रहा है। इसके लिए अनंगु पीतजंतजतारा यनकुनितज्जतजरा लैंड्स यानी APY के अबॉर्जिनल नेता ने बुधवार को आदेश भी जारी कर दिया है।
हेलीकॉप्टरों में सवार होकर मारी जाएगी गोली
APY के अबॉर्जिनल नेता ने कहा है कि ऊंटों को मारने के लिए पांच दिवसीय अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत प्रोफेशनल शूटरों को हेलीकॉप्टरों के जरिए जंगलों की ओर भेजा जाएगा और फिर ऊंटों को निशाना बनाकर गोली मारी जाएगी। शूटरों को पांच दिन में लक्ष्य पूरा करने के लिए कहा गया है। यह पहली बार है जब ऑस्ट्रेलिया में पानी के लिए ऊंटों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।
ऊंटों की हत्या करने के पीछे बताए ये कारण
APY कार्यकारी बोर्ड के सदस्य मारिता बेकर ने बताया कि सितंबर से जंगलों में लगी आग को बुझाने में वैसे ही पानी की कमी आ रही है और जंगली ऊंट अधिक पानी पीकर परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इसके अलावा ऊंट कन्यापी के लोगों के लिए भी मुसीबत बन गए है। पानी की तलाश में ऊंट घरों की शेड गिरा देते हैं और एयर कंडीशनर्स से पानी पीने की कोशिश कर रहे हैं।
ऊंटों की वजह से बढ़ रहा ग्लोबल वार्मिंग का खतरा
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय से पानी की किल्लत है। ऊंटों द्वारा लोगों को परेशान किए जाने के अलावा इनसे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा भी बढ़ा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जंगली ऊंट एक साल में एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर मीथेन गैस का उत्सर्जन करते हैं। कार्बन खेती के विशेषज्ञ रेगेनोको के CEO टिम मूर के अनुसार, जंगली ऊंट प्रति वर्ष करीब एक टन मीथेन का उत्सर्जन कर रहे हैं और यह चार लाख कारों के बराबर है।
ऊर्जा और पर्यावरण विभाग ने कहा, जानवरों से उत्सर्जन पर नहीं तैयार होती कोई रिपोर्ट
ऑस्ट्रेलिया के ऊर्जा और पर्यावरण विभाग ने जंगली ऊंटों से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ने को लेकर सामने आई रिपोर्ट का खंडन किया है। विभाग की मानें तो ऑस्ट्रेलिया में जंगली जानवरों से उत्सर्जन पर किसी भी प्रकार की रिपोर्ट तैयार नही की जाती है।
हर नौ साल में दोगुनी हो रही जंगली ऊंटों की संख्या
ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय कीट ऊंट प्रबंधन योजना की ओर से बड़ा दावा किया गया है। इसके अनुसार हर नौ साल में जंगली ऊंटों की संख्या दोगुनी हो जाती है। एक जंगली ऊंट प्रतिदिन एक आम इंसान की तुलना में 20 गुना अधिक पानी का सेवन करता है। ऐसे में ऊंटों की लगातार बढ़ती आबादी पानी से जूझ रहे दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनी हुई है। उन्हें मारने का आदेश देने में ये एक अहम कारण है।
जंगलों की आग को बुझाने में कम पड़ रहा पानी
ऑस्ट्रेलिया में जंगली ऊंटों की हत्या का निर्णय उस समय लिया गया है, जब देश के कई जंगलों में आग लगी हुई है। यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के शोधकर्ताओं के अनुसार, आग से अब तक दो दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 48 करोड़ पशु-पक्षी भी मारे गए हैं। इस आग को बुझाने के लिए भी पानी कम पड़ रहा है। इन सारी परिस्थितियों के कारण ही उन्हें मारने का आदेश जारी किया गया है।