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अमेरिका: कछुए का हुआ CT स्कैन, बना चेकअप करवाने वाला अस्पताल का पहला जानवर
केल नामक कछुआ का हुआ CT स्कैन

अमेरिका: कछुए का हुआ CT स्कैन, बना चेकअप करवाने वाला अस्पताल का पहला जानवर

लेखन गौसिया
Jul 17, 2023
04:47 pm

क्या है खबर?

अकसर पानी में तैरता या समुद्र के किनारे पाया जाने वाला एक कछुआ अमेरिका के अलबामा के एक अस्पताल में CT स्कैन करवाते हुए नजर आ रहा है। ऐसा करके वह अस्पताल का पहला पशु रोगी बन गया है। CT स्कैन करवाते हुए कछुए की तस्वीरें फेसबुक पर कुक म्यूजियम ऑफ नेचुरल साइंस ने शेयर की हैं, जो वायरल हो रही हैं। आइये इस कछुए की जांच होने के पीछे की वजह जानते हैं।

मामला

गहरी चोटों से पीड़ित है केल

रिपोर्ट्स के मुताबिक, केल नामक यह कछुआ गहरी चोटों से पीड़ित है। साल 2019 में वर्जीनिया में केल एक मछुआरे के मछली पकड़ने के कांटे में फंस गया था। उस वक्त वर्जीनिया वन्यजीव अधिकारियों ने केल को बचा लिया था, लेकिन कांटे में फंसने के कारण उसके ऊपरी सतह पर चोट लग गई थी, इसलिए उसे वापस समुद्र में नहीं छोड़ा गया। यह चोट इतनी गहरी है कि उसे पशु चिकित्सकों के पास बार-बार इलाज के लिए जाना पड़ता है।

संग्रहालय 

2020 से संग्रहालय में रह रहा है केल

केल को इस गंभीर हालात में समुद्र में नहीं छोड़ा जा सकता था, इसलिए उसकी देखभाल के लिए उसे 2020 में डेकाटुर में कुक म्यूजियम ऑफ नेचुरल साइंस में रखा गया। इस संग्रहालय में भूविज्ञान, जीवाश्म विज्ञान और प्रकृति कला से जुड़ी प्रदर्शनियां रखी हुई हैं। संग्रहालय का कहना है कि केल की ऊपरी सतह में हुए संक्रमण के सुधार के बारे में जानने के लिए CT स्कैन सबसे बढ़िया तरीका है।

जांच

CT स्कैन करवाते समय केल ने दिखाई आनाकानी 

केल के CT स्कैन के लिए संग्रहालय ने डेकाटूर मॉर्गन अस्पताल में रेडियोलॉजी टीम से संपर्क करके उन्हें स्कैन करने के लिए तैयार किया। हालांकि, अन्य मरीजों की तरह केल भी स्कैन करवाने में असहज महसूस कर रहा था, इसलिए प्रक्रिया के दौरान पशु चिकित्सकों ने उसे कसकर पकड़ा हुआ था। संग्रहालय के पशु प्रबंधक कैसेंड्रा वर्लुंड ने बताया, "केल के स्वास्थ्य में पहले से सुधार हुए हैं और हम जल्द ही उसके वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।"

कछुआ

लुप्तप्राय केम्प का रिडले समुद्री कछुआ है केल

केल एक लुप्तप्राय केम्प का रिडले समुद्री कछुआ है। इसे अटलांटिक रिडले समुद्री कछुआ भी कहा जाता है। यह दुनिया में समुद्री कछुओं की सबसे दुर्लभ प्रजातियों में से एक है और यह सभी कछुओं की प्रजातियों में सबसे छोटा होता है। इसके ऊपरी सतह की लंबाई 58 सेंटीमीटर से 70 सेंटीमीटर है। वहीं विकसित होने के बाद इसका वजन 36 किलोग्राम से 45 किलोग्राम होता है।