बिहार में बच्चों की मौतः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा
बिहार में फैली दिमागी बुखार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दोनों सरकारों को एक सप्ताह में सार्वजनिक स्वास्थ्य, न्यूट्रीशन और बीमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए दी गई सुविधाओं के बारे में शपथपत्र देने को कहा है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में इस साल इस बीमारी से 130 बच्चों की जान जा चुकी है, जबकि पूरे राज्य में यह आंकड़ा 150 को पार कर गया है।
10 दिन बाद होगी अगली सुनवाई
जस्टिस संजीव खन्ना और बीआर गवई की बेंच ने बिहार सरकार को राज्य की स्वच्छता की स्थिति, न्यूट्रीशन और मेडिकल सेवाओं की उपलब्धता के बारे में शपथपत्र जमा करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी।
बिहार के 20 जिले बीमारी की चपेट में
बिहार के 40 में से 20 जिलों में दिमागी बुखार का प्रकोप जारी है। इनमें सबसे बुरी तरह प्रभावित मुजफ्फरपुर जिला है। इस महीने की शुरुआत से लेकर अब तक 600 बच्चे इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं। सबसे ज्यादा मौते श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में हुई है। 100 से ज्यादा बच्चों की जान जाने के बाद जब राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहां आए तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।
शुक्रवार को राज्यसभा में उठा मुद्दा
शुक्रवार को बिहार में दिमागी बुखार के कहर का मुद्दा राज्यसभा में भी उठा। संसद के उच्च सदन के सदस्यों ने केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप करने और पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस घटना पर शोक जताते हुए कहा कि सदन उन बच्चों को श्रद्धांजलि देता है। भाकपा के विनय विश्वम ने कहा कि सरकार इसे दुर्घटना बता रही है लेकिन इसे गरीब बच्चों की ''हत्या'' कहा जाना चाहिए।
मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब
बिहार में हो रही बच्चों की मौतों को लेकर मानवाधिकार आयोग ने बिहार और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। आयोग ने जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।
क्या है दिमागी बुखार?
दिमागी बुखार एक खतरनाक बीमारी है। इसे एक्युट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम भी कहा जाता है। बच्चों में रब्बिस वायरस, हर्पिस सिम्प्लेक्स पोलियो वायरस, खसरे का विषाणु और छोटी चेचक के विषाणु की वजह से यह बीमारी हो जाती है। जिन बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है, उन्हें बहुत जल्दी यह बुखार अपनी चपेट में ले लेता है। यह बुखार खतरनाक जीवाणु इन्सेफेलाइटिस के संक्रमण से होता है, जो शरीर में अपना वायरस तेज़ी से फैलाता है।
ये हैं दिमागी बुखार के लक्षण
जिन बच्चों को यह बुखार होता है, उनके शरीर में ऐंठन होती है और बच्चा बेहोश हो जाता है। इसके अलावा उसे उल्टी आती है और चिड़चिडेपन की शिकायत भी रहती है। चमकी यानी दिमागी बुखार होने पर दिमाग में सूजन भी हो जाती है।