मध्य प्रदेश में अनोखी परंपरा, दिवाली के अगले दिन गायों से खुद को कुचलवाते हैं लोग
'मध्य प्रदेश अजब है, सबसे गजब है', यह कथन बहुत ही प्रसिद्ध है और इसे नकारने की कोई वजह भी नहीं है क्योंकि यहां एक ऐसी अजीबोगरीब परंपरा निभाई जाती है, जिसके बारे में जानकर आप भी यही कथन कहेंगे। यहां एक गांव में दिवाली के अगले दिन एक बहुत ही हैरान कर देने वाली परंपरा का पालन किया जाता है। इसमें लोग जमीन पर लेट जाते हैं और उनके ऊपर से दर्जनों गाय उन्हें कुचलती हुई गुजरती हैं।
किस गांव में निभाई जाती है यह परंपरा?
यह अजीबोगरीब परंपरा उज्जैन के भीड़ावद गांव में सालों से होती आ रही है, जो दिवाली के दूसरे दिन ही निभाई जाती है। इसमें लोग जमीन पर लेट जाते हैं, फिर उनके ऊपर गांवभर की गायों को छोड़ दिया जाता है। सभी गाय लेटे हुए लोगों के ऊपर से उन्हें रौंदते हुए निकल जाती हैं। इस परंपरा को दिखने के लिए हर साल गांव और उसके आसपास के लोग भारी संख्या में जमा भी होते हैं।
परंपरा निभाने का तरीका
इस परंपरा को निभाने के लिए लोग 5 दिन तक उपवास करते हैं और दिवाली के एक दिन पहले रातभर गांव के मंदिर में रहकर भजन-कीर्तन करते हैं। इसके बाद दिवाली के दूसरे दिन ये लोग पूजा करते हैं और ढोल-नगाड़ों के साथ पूरे गांव का दौरा करते हैं। दौरे के बाद परंपरा को निभाने वाले लोग जमीन पर लेट जाते हैं, जिनके ऊपर से गायें गुजर जाती हैं। इसके बाद सभी लोग उठकर नाचने गाने लगते हैं।
लोग क्यों निभाते हैं यह परंपरा?
गांव के लोगों का मानना है कि इस परंपरा से उनकी मुरादें पूरी हो जाती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, गायों में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है और गायों को अपने ऊपर से घुमाने से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। इस परंपरा को वहीं लोग करते हैं, जिन्होंने कोई मन्नत मांगी होती है। हालांकि, यह आस्था के नाम पर अंधविश्वास है और ऐसी परंपराओं को करने से हम सभी को बचना चाहिए।
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राज्य में अच्छी बारिश के लिए निभाई जाती है ये अनोखी परंपरा
मध्य प्रदेश के इंदौर में अच्छी बारिश के लिए एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। इस परंपरा में किसान और व्यापारी मिलकर एक बारात निकालते हैं। हालांकि, इस बारात में दूल्हे को घोड़े की बजाय गधे पर बैठाकर घुमाया जाता है, वहीं इस बारात में शामिल लोग मौज-मस्ती और नाचते हुए चलते हैं। ऐसा करके लोग बारिश के देवता को खुश करने का प्रयास करते हैं। उनका मानना है कि इससे अच्छी बारिश होती है।