हमले में मारे गए पुलिसकर्मियों के शव जलाना चाहता था विकास दुबे, पूछताछ में किया खुलासा
क्या है खबर?
पुलिस के हत्थे चढ़े खूंखार अपराधी विकास दुबे ने पूछताछ में कुछ बड़े खुलासे किए हैं।
उसने बताया कि हमले के बाद उसने मारे गए पांच पुलिसकर्मियों के शवों को घर के पास एक कुएं में रखा था ताकि उन्हें जलाकर सबूत मिटाए जा सके।
उसने इन्हें जलाने के लिए तेल भी रखा था, लेकिन जलाने का मौका नहीं मिला और वह अपने साथियों के साथ फरार हो गया। उसने अपने साथियों को अलग-अलग भागने को कहा था।
पूछताछ
एनकाउंटर के डर से पुलिस पर किया हमला- विकास
इंडिया टूडे के मुताबिक, विकास ने पूछताछ में बताया कि कानपुर पुलिस में उसके सूत्रों से उसे पुलिस की छापेमारी की जानकारी मिली थी। इसके बाद उसने अपने आदमियों से संपर्क किया और उन्हें हथियार लेकर घर आने को कहा।
विकास ने बताया कि उसे लगा पुलिस वाले उसका एनकाउंटर करने आ रहे हैं। इसलिए डर के मारे उसने पुलिस पर हमला कर दिया था।
इस हमले में एक DSP समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी।
जानकारी
सुबह में छापेमारी होने की थी जानकारी
उसने आगे बताया, "मैंने अपने साथियों को अलग-अलग जगहों पर भागने को कहा। हमें खबर मिली थी कि छापेमारी सुबह में होगी, लेकिन पुलिसकर्मी रात को ही आ गए। हमने खाना भी नहीं खाया था।"
हमला
मामा की JCB से रोका था पुलिस का रास्ता
विकास ने कहा कि उसने जिस JCB से पुलिस की टीम का रास्ता रोका था, वह उसके मामा की थी। रात में राजू नाम के उसके एक गुर्गे ने यह JCB सड़क पर खड़ी की थी। अगले दिन पुलिस एनकाउंटर में उसका मामा मारा गया था।
विकास ने यह भी खुलासा किया कि उसे केवल चौबेपुर ही नहीं बल्कि दूसरे पुलिस थानों से भी मदद मिल रही थी। यहां के पुलिसकर्मी कई तरह से उसकी मदद करते थे।
कबूलनामा
लॉकडाउन के दौरान की थी पुलिसकर्मियों की मदद- विकास
विकास ने बताया, "लॉकडाउन के दौरान मैंने चौबेपुर पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों का बहुत ध्यान रखा था। मैंने उन्हें खाना खिलाया और कई दूसरे कामों में भी उनकी सहायता की थी।"
बता दें कि चौबेपुर थाने की इस पूरे मामले में भूमिका संदेह के दायरे में रही है। यहां के SHO विनय तिवारी और SI केके शर्मा को विकास तक जानकारी पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वहीं पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
पूछताछ
हमले में मारे गए DSP देवेंद्र मिश्रा से डरता था विकास
विकास दुबे ने यह भी बताया कि वह हमले में मारे गए DSP देवेंद्र मिश्रा ने उसकी बनती नहीं थी। मिश्रा हमेशा उसके लिए खतरा बने हुए थे। चौबेपुर के SHO तिवारी ने उसे बताया था कि मिश्रा उसके खिलाफ हैं।
विकास ने बताया, "मुझे देवेंद्र मिश्रा पर बहुत गुस्सा आता था, लेकिन मैंने उन्हें नहीं मारा। हमले के दौरान मेरे सामने मेरे आदमी ने मामा के घर में उन्हे मार दिया था।"
हमला
हमले में पुलिस पर फेंके थे देसी बम- विकास
पूछताछ में उसने आगे बताया कि उसके बाद देसी बम भी थे, जो उसने पुलिसकर्मियों पर हमले के लिए इस्तेमाल किए थे। ये बम उसने अपने मामा के घर में छिपाकर रखे थे।
वहीं फरीदाबाद से उज्जैन तक के सफर के बारे में उसने बताया कि एक शराब कंपनी में काम करने वाले दोस्त आनंद तिवारी की मदद से वह हरियाणा से मध्य प्रदेश पहुंचा था। पुलिस ने आनंद तिवारी को हिरासत में ले लिया है।
अपराध
पुलिस पर हमले का मुख्य आरोपी है विकास
शातिर अपराधी विकास दुबे को आज सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है।
वह हाल ही में उसे पकड़ने गई पुलिस टीम पर हुए हमले का मुख्य आरोपी है। इस हमले में एक DSP समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी। घटना के बाद से वह फरार था।
विकास दुबे 2001 में पहली बार उस समय चर्चा में आया जब उसने थाने में घुसकर भाजपा के एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की हत्या कर दी थी।