अमेरिका: लाइब्रेरी से ली किताब 43 साल बाद वापस आई, अधिकारी भी रह गए हैरान
पाठक कई बार किताब पढ़ने के लिए उसे लाइब्रेरी से ले लेते हैं। इसे अपने पास रखने की एक समयसीमा होती है और अगर समय पर किताब को ना लौटाया जाये तो हर एक दिन के हिसाब से जुर्माना लगता है। इसके बावजूद अकसर कुछ लोग किताब लौटाना भूल जाते हैं। हाल ही में अमेरिका से ऐसा ही एक बेहद अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक लाइब्रेरी में 43 साल बाद एक किताब लौटाई गई है।
क्या है मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पूरा मामला इलिनॉइस में स्थित नाइल्स-मेन डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी का है। यहां हाल में एक अज्ञात व्यक्ति ने ड्रॉप-बॉक्स में लाइब्रेरी की उस किताब को लौटाया, जिसे 19 जनवरी, 1980 में लौटाना था। इसकी जांच करके लाइब्रेरी के कर्मचारी भी हैरान रह गए। उन्होंने इस दिलचस्प कहानी को फेसबुक पर साझा किया है, साथ ही लंबे समय गायब उस किताब की तस्वीर भी साझा की है।
लाइब्रेरी ने फेसबुक पेज पर क्या जानकारी दीं?
लाइब्रेरी के अपने फेसबुक पेज पर जानकारी दी कि मारग्रेट वेटरर की किताब 'द मून्स ऑफ ज्यूपिटर' को किसी ने लाइब्रेरी के ड्रॉप बॉक्स में वापस किया है। पोस्ट में लिखा है, 'जब हमने किताब की जांच की तो पाया कि यह किताब 19 जनवरी, 1980 को वापस आनी थी, लेकिन 2023 में आई है। इस हिसाब से इस किताब का जुर्माना 317 डॉलर (लगभग 26,013 रुपये) होता है, लेकिन सौभाग्य से 2020 से हम जुर्माना नहीं ले रहे हैं।"
लाइब्रेरी के अधिकारियों ने क्या कहा?
लाइब्रेरी के अधिकारियों के मुताबिक, वे नहीं जानते हैं कि इस किताब को किसने लौटाई या किस व्यक्ति ने इसे इशू करवाया क्योंकि उनके मौजूदा रिकॉर्ड सिस्टम इतने पुराने समय के रिकॉर्ड्स की जांच नहीं कर सकता है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह पहला मामला नहीं है, जब किसी ने इतने साल बाद लाइब्रेरी में किताब वापस की हो। इससे पहले अमेरिका के ही वाशिंगटन के एबरडीन में 30 मार्च, 1942 को इशू कराई गई एक किताब 81 साल बाद लाइब्रेरी को लौटाई गई थी। दरअसल, लाइब्रेरी की यह किताब किसी को पुराने सामान में पड़ी मिली थी, जिसके बाद उसने इसे लाइब्रेरी को लौटाने का फैसला किया। हिसाब लागने पर पता चला कि किताब का जुर्माना लगभग 40,000 रुपये बनता है।