प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले अमेरिका का भारत के लोकतंत्र पर बड़ा बयान, क्या कहा?
अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले भारत में लोकतंत्र की स्थिति को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और कोई भी व्यक्ति नई दिल्ली जाकर खुद इसे देख सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान लोकतांत्रिक संस्थानों की ताकत और सेहत पर चर्चा होने की उम्मीद है।
भारत कई मायनों में हमारे लिए खास- अमेरिका
किर्बी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "भारत कई मायनों में अमेरिका के लिए खास है। यह दोनों देशों के बीच सिर्फ द्विपक्षीय समझौते की बात नहीं है, बल्कि कई मामलों में बहुपक्षीय संबंधों की भी बात है।" उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन कई मुद्दों के बारे में बात करने के लिए और अमेरिका-भारत की साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से काफी उम्मीद कर रहे हैं।
अमेरिका बोला- भारत के साथ जारी रहेगी मजबूत साझेदारी
किर्बी ने कहा, "हम कभी अपनी बात रखने से झिझकते नहीं हैं। आप दोस्तों के साथ ऐसा कर सकते हैं। हम कभी भी उन चिंताओं को व्यक्त करने से नहीं कतराते हैं, जो दुनिया के किसी भी हिस्से में कहीं भी उठ रही हैं।" उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा वास्तव में आगे बढ़ने के बारे में है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत-अमेरिका के बीच गहरी और मजबूत साझेदारी जारी रहेगी।"
22 जून को अमेरिका के दौरे पर जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानामंत्री मोदी 22 जून को अमेरिका के दौरे पर जाएंगे, जहां उनके सम्मान में व्हाइट हाउस में राजकीय भोज का आयोजन किया जाएगा। उन्हें राष्ट्रपति बाइडन ने फरवरी में आमंत्रित किया था। अमेरिकी कांग्रेस के स्पीकर केविन मैक्कार्थी समेत अन्य नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार 2016 में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था।
अमेरिकी रिपोर्ट ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर उठाए गए थे सवाल
इससे पहले पिछले महीने अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई थी। इसमें कहा गया था कि भारत समेत दुनिया के कई देशों की सरकारें खुलेआम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बना रही हैं। इससे पहले अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने भी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि यहां 2022 से स्थिति लगातार खराब हुई।
राहुल ने अमेरिका में भारत पर लोकतंत्र पर की थी चर्चा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपने अमेरिकी दौरे पर भारत में लोकतंत्र की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि भारत के लोकतंत्र से पूरी दुनिया का लोकहित जुड़ा है और यदि भारत के लोकतंत्र में बिखराव होता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। राहुल ने कहा था, "भारत में लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ना हमारा काम है और यह एक ऐसी चीज है, जिसके लिए हम हमेशा प्रतिबद्ध हैं।"