गूगल बना रहा है 1,000 भाषाओं को सपोर्ट करने वाला AI मॉडल, ChatGPT से है मुकाबला
क्या है खबर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर गूगल काफी सक्रिय है। अब गूगल ने यूनिवर्सल स्पीच मॉडल (USM) के बारे में और अधिक जानकारी दी है।
USM को कंपनी अपने AI लक्ष्यों को साकार करने के लिए पहला महत्वपूर्ण कदम बता रही है।
AI भाषा मॉडल बनाने के अपने लक्ष्य की तरफ गूगल तेजी से बढ़ रही है।
गूगल की USM ChatGPT को टक्कर देने के लिए 1,000 विभिन्न भाषाओं को सपोर्ट करेगी।
गूगल
100 से अधिक भाषाओं को सपोर्ट करता है USM
गूगल ने पिछले साल नवंबर में अपने USM मॉडल का खुलासा किया था। तब गूगल ने दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली 1,000 भाषाओं को सपोर्ट करने वाला भाषा मॉडल बनाने की अपनी योजना की घोषणा की थी।
गूगल ने USM को 300 से अधिक भाषाओं के लाखों घंटों की बातचीत और करोड़ों वाक्यों पर प्रशिक्षित किया है।
गूगल के का दावा है कि वर्तमान में USM 100 से अधिक भाषाओं को सपोर्ट करता है।
एंड्रॉयड
अपने अन्य प्रोडक्ट्स को AI से लैस करेगी गूगल
USM को लेकर गूगल की सक्रियता दिखाती है कि भविष्य में गूगल अपने वर्कस्पेस टूल्स से लेकर अन्य प्रोडक्ट्स को AI से लैस करेगी।
गूगल अपने एक अन्य प्रोडक्ट एंड्रॉयड के जीबोर्ड में इमेजन टेक्स्ट-टू-इमेज जनरेटर को इंटीग्रेट करने के लिए काम कर रही है। इसमें टेक्स्ट-टू-इमेज जनरेटर के जरिए लिखे हुए टेक्स्ट को तस्वीर में बदला जा सकेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स द्वारा सबमिट किए गए इनपुट के आधार पर यह तस्वीर बनाने में सक्षम है।
यूट्यूब
कम बोली जाने वाली भाषाओं की भी पहचान कर लेता है USM
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि यूट्यूब में भी USM का उपयोग किया जा रहा है। ये बड़े पैमाने पर बोली जाने वाली अंग्रेजी और मंदारिन भाषाओं की पहचान तो कर ही सकता है, बल्कि अम्हारिक, सेबुआनो, असमिया और अजरबैजानी जैसी कम बोली जाने वाली भाषाओं की भी ऑटोमैटिक स्पीच रिक्गनेशन (ASR) करने में सक्षम है।
गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा जैसी कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं और भारी निवेश कर रही हैं।
चर्चा
ChatGPT की लोकप्रियता से तेज हुई AI की चर्चा
OpenAI कंपनी के AI चैटबॉट ChatGPT के लॉन्च होने के बाद इसकी लोकप्रियता ने AI की चर्चा को नए सिरे से छेड़ दिया।
ChatGPT जेनरेटिव लैंग्वेज मॉडल पर काम करती है। किसी सवाल का जवाब देने के लिए ये गूगल की तरह लिंक देने की जगह मानवीय भाषा में जवाब देती है।
OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा पैसा निवेश किए जाने के बाद गूगल ने भी तेजी दिखाते हुए अपना चैटबॉट बार्ड पेश कर दिया है।
कंप्यूटर
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है। ऐसे समझिए कि कम्प्यूटर के लिए एक ऐसा कृतिम दिमाग बनाया जाता है, जिसके जरिए कंप्यूटर इंसानों की तरह सोच सके और जरूरत पड़ने पर फैसले ले सके।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। AI का जनक जॉन मैकार्थी को माना जाता है।