दिल्ली: रोबोट-समर्थित प्रक्रिया के जरिए व्यक्ति की हुई सफल सर्जरी
डॉक्टर अब रोबोट-समर्थित सर्जिकल प्रक्रिया के जरिए सर्जरी करने लगे हैं। इसके माध्यम से शरीर के उन भागों की भी आसानी से सर्जरी की जा सकती हैं, जहां मानवीय स्तर पर करना काफी कठिन होता है। हाल ही में दिल्ली के एक व्यक्ति की रोबोट-समर्थित सफल सर्जरी हुई है। उस व्यक्ति को ब्लॉक्ड यूरेटर (मूत्रवाहिनी) की दिक्कत थी और इसके कारण उसकी किडनी भी संक्रमित होने लगी थी। आइए पूरी खबर जानते हैं।
रोबोट-समर्थित सर्जिकल प्रक्रिया क्या है?
रोबोट-समर्थित सर्जिकल प्रक्रिया के जरिए डॉक्टरों की टीम छोटे-छोटे रोबोटिक उपकरणों का उपयोग करके सर्जरी करती है। इन उपकरणों को कंप्यूटर के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है। अच्छी बात यह है कि इस सर्जिकल प्रक्रिया के जोखिम और जटिलता बहुत कम है, वहीं इस प्रक्रिया के दौरान व्यक्ति का अतिरिक्त खून भी नहीं बहता। इससे सर्जरी के बाद व्यक्ति के शरीर पर निशान भी नहीं पड़ते।
व्यक्ति की मूत्रवाहिनी में फंसी थी पथरी
दिल्ली का रहने वाला एक 32 वर्षीय व्यक्ति 3 महीने से किडनी की नली (नेफ्रोस्टॉमी) और पेशाब की थैली शरीर के बाहर लटके हुए जी रहा था। व्यक्ति की एक अस्पताल में यूरेटेरोस्कोपी (मूत्रवाहिनी से पथरी निकालने की प्रक्रिया) हुई, लेकिन पथरी को हटाया नहीं जा सका। यूरेटेरोस्कोपी के बाद मूत्राशय से मूत्र का प्रवाह प्रतिबंधित हो गया और इससे किडनी पर भी काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा और ये संक्रमित होने लगी।
कठिन सर्जरी को आसानी से किया गया पूरा- डॉ शैलेश
IANS के मुताबिक, मैक्स अस्पताल के यूरोलॉजी के निदेशक डॉ शैलेश चंद्र सहाय ने बताया कि वयस्कों में यूरेटेरिक स्टोन (किडनी और मूत्राशय को जोड़ने वाली ट्यूब में पथरी) एक आम समस्या है, लेकिन यूरेटरिक स्ट्रिक्ट्योर (किसी कारणवश मूत्रमार्ग में मूत्र फंस जाना) बहुत कम होता है। डॉ शैलेश की टीम ने बंद मूत्रवाहिनी की मरम्मत के लिए रोगी की मौखिक गुहा से त्वचा को लेकर एक दुर्लभ सर्जरी की है।
तीन घंटे तक चली सर्जरी
डॉक्टर ने कहा, "यह सर्जरी तीन घंटे तक चली और इसे रोबोटिक तरीके से किया गया, जिसमें कम से कम चीरा लगाया गया ताकि खून की भारी कमी से बचा जा सके और तेजी से ठीक होने में मदद मिल सके। आमतौर पर इस तरह की एक प्रक्रिया के लिए एक बड़े चीरे की आवश्यकता होती है, जो निशान छोड़ जाती है। यह काफी चुनौतीपूर्ण सर्जरी था, लेकिन बेहतर एर्गोनॉमिक्स के लिए रोबोट-समर्थित सर्जिकल प्रक्रिया का उपयोग सफल रहा।"
पूरी तरह से स्वस्थ है व्यक्ति
डॉ. शैलेश के मुताबिक, करीब 3 महीने से शरीर के बाहर लटका हुआ यूरिन बैग आखिरकार सफल सर्जरी के बाद निकाल दिया गया और 3 दिनों के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब वह स्वस्थ जीवन जी रहा है। डॉ. शैलेश ने आगे कहा, "हमें उम्मीद है कि इससे लोगों में रोबोट-समर्थित सर्जरी के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी और समान परिस्थितियों वाले अधिक रोगियों को सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलेगी।"