आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सटीक पता चलेगा ब्रेस्ट कैंसर, खत्म हो जाएगी चूक की आशंका
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। पहले 50-60 साल की उम्र की महिलाओं में ये रोग देखने को मिलता था, लेकिन बीते कुछ सालों में 20-30 साल की महिलाओं में भी यह बीमारी बढ़ रही है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल का प्रयास किया जा रहा है। दुनियाभर में कई अस्पताल डॉक्टरों के साथ मिलकर AI के जरिए ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने का प्रयोग कर रहे हैं।
डॉक्टरों से होने वाली चूक को भी पकड़ लेती है AI
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, स्तन कैंसर के लिए बड़े स्तर पर AI टेक्नोलॉजी को अपनाने में हंगरी सबसे आगे रहा। वर्ष 2021 से यहां के कई क्लिनिक्स में हर साल AI की मदद से कैंसर स्कैन किए गए। यहां AI के जरिए कैंसर का पता लगाने की सफलता ने इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और फिनलैंड के डॉक्टरों को यह टेक्नोलॉजी अपनाने को प्रेरित किया। AI कैंसर के उन संकेतों को भी पकड़ लेती है, जो डॉक्टरों से छूट जाते हैं।
कैंसर स्कैन को तेजी से पढ़ने में सक्षम है AI
पिछले साल एक अध्ययन में AI के जरिए 2.5 लाख ब्रेस्ट कैंसर स्कैन किए गए और चार्ट बनाया गया। इससे पता चला कि AI टेक्नोलॉजी, मानव रेडियोलॉजिस्ट के साथ मिलकर कैंसर का पता लगाने में प्रभावशाली है और यह कैंसर स्कैन को अधिक तेजी से पढ़ने में भी सक्षम है। यह भी सामने आया कि चिकित्सा क्षेत्र में AI टेक्नोलॉजी को शामिल करने से रेडियोलॉजिस्ट का बोझ भी कम हो सकता है।
थकान से होने वाली मानवीय गलतियों को रोकने में मददगार है AI
कंपनियां वर्षों से AI आधारित प्रोग्राम तैयार कर रही हैं, लेकिन अब AI की टेक्नोलॉजी का भी विकास हुआ है तो इसमें तेजी आने की संभावना है। ऑटोमैटेड सिस्टम होने के चलते AI के जरिए जल्दी और सटीक जानकारी मिल सकती है। रिपोर्ट में एक डॉक्टर के हवाले से कहा गया कि शारीरिक और मानसिक थकान के चलते जांच में होने वाली मानवीय गलतियों को रोकने में भी AI सिस्टम मदद कर सकता है।
रेडियोलॉजिस्ट को भी पछाड़ा
रिपोर्ट में एक ऐसे मामले का भी जिक्र किया गया है, जिसमें मरीज के एक्स-रे रिपोर्ट में रेडियोलॉजिस्ट को ब्रेस्ट कैंसर का कोई संकेत नहीं दिखा था, लेकिन AI सॉफ्टवेयर ने एक हिस्से को संभावित कैंसर के रूप में चिन्हित किया था। बाद में महिला को बायोप्सी के लिए बुलाया गया और रिपोर्ट में कैंसर पाया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि कैंसर का शुरुआती स्टेज में पता लगना बहुत जरूरी है। इस काम में AI उपकरण मददगार साबित होंगे।