
करीब 56 लाख रुपये में नीलाम हुआ टुटा-फूटा फूलदान, आखिर क्या है इसकी खासियत?
क्या है खबर?
घर में पड़े टूटे-फूटे सामान को लोग कबाड़ में फेक दिया करते हैं। हालांकि, कई बार यही सामान उनकी किस्मत के बंद ताले खोल देता है।
ऐसा ही कुछ लंदन के रहने वाले एक परिवार के साथ हुआ, जो अपने बगीचे में पड़े खराब हालत वाले फूलदान के कारण लखपति बन गया।
दरअसल, उनका यह फूलदान हाल ही में करीब 56 लाख रुपये की भारी कीमत पर नीलाम किया गया।
आइए इस नीलामी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
फूलदान
लंदन की महिला के पास था यह नायाब फूलदान
इस फूलदान को यूनाइटेड किंगडम (UK) की एक गार्डनर ने बेकार समझकर फेंक दिया था। हालांकि, लंदन की एक महिला ने इसे उठाया, जोड़ा और अपने बगीचे में सजा दिया।
सालों तक यह उनके बगीचे में रखा रहा, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार ने इसे बेचने का फैसला किया।
इसके बाद उन्होंने मूल्यांकन के लिए चिसविक नीलामीघर से संपर्क किया, ताकि उसकी असल कीमत का पता लगाया जा सके।
पहचान
विशेषज्ञ ने पहचानी थी इस फूलदान की असल कीमत
विशेषज्ञ जो लोयड ने दौरा करते समय पाया कि यह फूलदान 2 अलग-अलग भागों में रखा हुआ था।
उन्होंने कहा, "मैं बाहर गई और उसे अंदर ले आई। दूर से यह बताना मुश्किल था कि यह क्या है, क्यूंकि यह घास-फूस से ढका हुआ था।"
हालांकि, इतनी खराब हालत में होने के बावजूद लोयड ने उसकी असल कीमत को पहचाना और बताया कि यह एक प्रसिद्ध सिरामिस्ट की कला का नमूना है।
कलाकार
क्या है इस टूटे-फूटे फूलदान की खासियत?
जांच के बाद सामने आया कि यह टूटा हुआ फूलदान 1964 में बनाया गया था। इस अद्भुत कलाकृति के रचयता हंस कोपर थे, जो एक प्रसिद्ध सिरेमिक कलाकार हुआ करते थे।
इस फूलदान की खासियत यह है कि यह करीब 4 फीट लंबा है और यह कोपर द्वारा बनाए गए सिरेमिक के सामान में से सबसे ऊंचा भी है।
इसकी पुष्टि इस कारण हो सकी, क्योंकि इसके निचले भाग पर अभी भी कोपर का स्टिकर चिपका हुआ है।
नीलामी
अमेरिका के व्यक्ति ने खरीदा यह फूलदान
लंदन के चिसविक ऑक्शन्स नामक नीलामीघर ने इस फूलदान की नीलामी का आयोजन किया था। इसकी खराब स्थिति के चलते मूल रूप से इसकी अनुमानित कीमत 6.75 लाख से 11.29 लाख रुपये के बीच तय की गई थी।
हालांकि, देखते ही देखते इसकी बोली बढ़ती गई और अमेरिका के एक व्यक्ति ने इसे 56 लाख रुपये में खरीदा। नीलामी घर को खुशी है कि टूटे हुए सामान को भी इतनी भारी कीमत पर बेचा जा सका।