
ये पेंटिंग लगभग 400 करोड़ रुपये में हो सकती है नीलाम, जानिए क्या है खासियत
क्या है खबर?
क्लाउड मोनेट एक प्रसिद्ध फ्रांसीसी चित्रकार थे, जिनका काम कला बाजार में सबसे प्रशंसित, महंगा और मांग वाला है।
इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि मोनेट द्वारा बनाई गई एक पेंटिंग न्यूयॉर्क की एक नीलामी में 3 करोड़ डॉलर से 5 करोड़ डॉलर (करीब 250 करोड़ से लेकर 430 करोड़ रूपये) के बीच बिक सकती है।
आइए इस नीलामी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नीलामी
कहां होगी नीलामी?
मोनेट की साल 1891 में बनाई गई लैंडस्केप पेंटिंग की नीलामी क्रिस्टी नीलामी घर द्वारा अगले महीने ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।
इस पेंटिंग में सूर्यास्त के समय नदी के किनारे पेड़ों को दर्शाया गया है, जो फ्रांस के नॉरमैंडी गांव की एक जगह की छवि है।
यह मोनेट की लेस पेप्लियर्स श्रृंख्ला की 24 पेंटिंग में से एक है और इस श्रृंख्ला की सारी पेंटिंग में मोनेट के घर के पास वाली इप्टे नदी के आसपास का दर्शाया है।
नजारा
पेंटिंग में है इप्टे नदी के किनारे का नजारा
नीलामी घर के मुताबिक, मोनेट ने इस श्रृंख्ला की पेंटिंग्स में इप्टे नदी के नजारों को विभिन्न मौसमों और स्थितियों के साथ बनाया है।
क्रिस्टी में इंप्रेशनिस्ट और आधुनिक कला की प्रमुख वैनेसा फुस्को ने बताया, "मोनेट द्वारा इस्तेमाल किए रंगों और उनसे पेंटिंग पर की गई परतों से ऐसी पेंटिंग बनाना काफी मुश्किल काम है, लेकिन जब आप इस पेंटिंग के सामने खड़े होते हैं तो ये काफी आकर्षक लगती है।"
पेंटिंग
30 साल तक बोस्टन के म्यूजियम में थी ये पेंटिंग
फुस्को ने आगे बताया, "मोनेट की ये पेंटिंग 1955 तक उनके परिवार के संग्रह में रही और क्रिस्टी को सौंपे जाने स पहले ये पेंटिंग बोस्टन के म्यूजियम ऑफ फाइन आर्ट्स में 30 साल तक प्रदर्शन का हिस्सा बनी रही।"
ऑनलाइन नीलामी में जाने से पहले ताइवान में एक दिन के लिए प्रदर्शनी में रखी जाएगी।
अगर आप इस पेंटिंग को खरीदन में इच्छुक हैं तो नीलामी घर की आधिकारिक वेबसाइट www.christies.com पर जाकर बोलियां लगाएं।
अन्य नीलामी
भारत के मशहूर पेंटर तैयब मेहता की पेंटिंग नीलामी में बिकी
तैयब मेहता भारत के एक प्रसिद्ध चित्रकार, मूर्तिकार और फिल्म निर्माता थे, जिनकी एक दुर्लभ पेंटिंग कुछ दिन पहले नीलाम हुई, जो भारत की दूसरी सबसे महंगी बिकने वाली पेंटिंग बन गई है।
यह पेंटिंग मिस्र में बनी एक ट्रस्ड बैल की छवि से प्रेरित हो कर बनाई गई थी, जो लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय में रखी थी। तैयब ने इसे 1956 में बनाया था और इसका नाम 'ट्रस्ड बुल' रख दिया था।