दूसरा टेस्ट: जिम्बाब्वे के खिलाफ वेस्टइंडीज ने हासिल की महत्वपूर्ण बढ़त, ऐसा रहा दूसरा दिन
जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम और वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के बीच बुलावायो के क्वींस स्पोर्ट्स क्लब में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म हो गया है। दूसरे दिन स्टंप के समय वेस्टइंडीज ने बारिश से प्रभावित खेल में आठ विकेट खोकर 290 रन बना लिए थे। खेल समाप्ति पर जेसन होल्डर 3 और गुदाकेश मोती 11 रन बनाकर नाबाद थे। आइए दूसरे दिन के खेल पर एक नजर डालते हैं।
मजबूत स्थिति में वेस्टइंडीज टीम, 175 रनों की बढ़त
पहला मैच जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त के साथ आगे चल रही वेस्टइंडीज टीम इस मुकाबले में भी मजबूत स्थिति में पहुंच चुकी है। पहली पारी के आधार पर ही मेहमान टीम अब तक 175 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर चुकी है। चूंकि अभी पूर्व कप्तान होल्डर मैदान में टिके हुए हैं इसलिए बढ़त में और इजाफा होने की संभावना है। इससे पूर्व जिम्बाब्वे टीम पहली पारी में केवल 115 रनों पर ही ढेर हो गई थी।
रोस्टन ने जमाया 11वां अर्धशतक, ब्रावो को पीछे छोड़ा
दूसरे दिन वेस्टइंडीज टीम को रोस्टर चेज ने अर्धशतकीय पारी खेलते हुए संकट से बाहर निकाला। उन्होंने 53.03 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 132 गेंदों में 70 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने चार चौके और एक छक्का भी जमाया। ये उनके टेस्ट करियर का 11वां अर्धशतक रहा। पारी के दौरान ही रोस्टन (2,215) ने दिग्गज ऑलराउंडर ड्वेन ब्रावो (2,200) को रनों के मामले में पीछे छोड़ दिया।
जिम्बाब्वे के गेंदबाजों का कमाल
वर्तमान टेस्ट सीरीज में पहली बार जिम्बाब्वे के गेंदबाज कुछ रंग में नजर आए। विक्टर ने शानदर गेंदबाजी करते हुए 16.4 ओवर में 56 रन देकर तीन विकेट हासिल किए। ब्रेंडन मावुता ने उनका अच्छा साथ निभाते हुए 24 ओवर में 73 रन देकर तीन विकेट अपनी झोली में डाले। इस दौरान उनकी इकॉनमी रेट भी काफी किफायती रही। वेलिंग्टन मसाकाद्जा के खाते में एक विकेट आया। वहीं डोनाल्ड तिरिपानो की इकॉनमी (2.00) सबसे बेहतर रही।
बल्लेबाजी में जिम्बाब्वे का खराब प्रदर्शन जारी
इससे पूर्व जिम्बाब्वे टीम अपनी खराब बल्लेबाजी के चलते पहली पारी में फिर साधारण स्कोर पर सिमट गई। टीम 40.5 ओवर बल्लेबाजी करने के बाद केवल 115 रन ही बना सकी। टीम की ओर से सलामी बल्लेबाज इनोसेंट काइया ने सबसे अधिक 38 रन बनाए। उनके बाद दूसरा कोई भी बल्लेबाज 23 रनों से भी आगे नहीं बढ़ पाया। टीम के लिए शर्मनाक बात ये रही कि सात बल्लेबाज तो दहाई का आंकड़ा तक नहीं छू पाए।