टोक्यो ओलंपिक: सेमीफाइनल में पहुंचकर महिला हॉकी टीम ने बनाया इतिहास, ऐसा रहा भारत का दिन
क्या है खबर?
टोक्यो ओलंपिक में आज का दिन भारत के लिए काफी खास रहा क्योंकि महिला हॉकी टीम ने पहली बार ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह पक्की की है। 02 अगस्त को एथलेटिक्स, हॉकी, शूटिंग और घुड़सवारी में ही भारतीय एथलीट्स ने हिस्सा लिया।
हॉकी के अलावा भारत को अन्य किसी खेल में सफलता नहीं मिली और पदकों की संख्या में कोई इजाफा नहीं हो पाया।
आइए जानते हैं कैसा रहा भारत के लिए आज का दिन।
हॉकी
पहली बार ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम
भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराते हुए भारतीय महिलाओं ने पहली बार ओलंपिक सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई है। भारत के लिए गुरजीत कौर ने इकलौता गोल दागा था।
1980 ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने के बाद भारतीय महिला टीम ने सीधे 2016 में ओलंपिक खेला था और 12वें स्थान पर रही थीं।
शुरुआत
निराशाजनक रही दिन की शुरुआत
महिलाओं की 200 मीटर रेस के पहले राउंड में दुती चंद का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 23.85 सेकेंड के समय के साथ वह सातवें स्थान पर रहीं और सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सकीं।
50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन के पुरुष क्वालीफिकेशन में भी भारत को निराशा ही हाथ लगी। ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और संजीव राजपूत फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके हैं। इसके साथ ही शूटिंग में भारत का सफर समाप्त हो गया है।
डिस्कस थ्रो
कमलप्रीत ने गंवाया पदक जीतने का मौका
भारतीय महिला डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर ने फाइनल के लिए क्वालीफाई करके पदक की उम्मीद जगाई थी, लेकिन फाइनल में वह कमाल नहीं कर सकीं और छठे स्थान पर रह गईं। क्वालिफिकेशन में 64 मीटर का थ्रो करने वाली कौर फाइनल में उस प्रदर्शन को नहीं दोहरा सकीं।
फाइनल में उन्होंने 63.70 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया। एक बार उन्होंने फाउल भी किया था और इसी कारण पदक के करीब नहीं पहुंच सकीं।
घुड़सवारी
फाइनल में 23वें स्थान पर रहे फवाद
घुड़सवारी में हिस्सा लेने वाले फवाद मिर्जा का अभियान भी समाप्त हो गया है। उन्होंने 47.20 के स्कोर के साथ व्यक्तिगत इवेंट के लिए क्वालीफाई किया था। वह 22वें स्थान पर रहे थे। फाइनल में वह 23वें स्थान पर रहे।
फवाद भले ही पदक के करीब नहीं पहुंच सके, लेकिन उन्होंने ओलंपिक में हिस्सा लेकर ही इतिहास बना दिया। इम्तियाज अनीस (2000) के बाद वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय घुड़सवार हैं।