टोक्यो ओलंपिक: ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम
भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बना ली है।क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराते हुए भारतीय महिलाओं ने पहली बार ओलंपिक सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई है। भारत के लिए गुरजीत कौर ने इकलौता गोल दागा था। गोलकीपर सविता ने भारत के लिए शानदार काम किया और उनके बचाव के कारण ही भारत मैच जीतने में कामयाब हुआ। आइए जानते हैं कैसा रहा मुकाबला।
पहले क्वार्टर में भारत ने बनाया अपना दबदबा
भारतीय महिलाओं ने मैच की शुरुआत आक्रामक तरीके से की और केवल दूसरे ही मिनट में उन्होंने गोल करने का मौका बनाया। थोड़ी ही देर बाद भारत ने पोस्ट हिट किया और दूसरी ओर गोलकीपर सविता ने गोल होने से बचाया। मैच के 10वें मिनट में रानी रामपाल के पास गोल करने के बेहद आसान मौका था, लेकिन उनका शॉट गोलपोस्ट से टकराकर बाहर आ गया और पहला क्वार्टर बिना किसी गोल के समाप्त हुआ।
गुरजीत ने दिलाया भारत को पहला गोल
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत होने पर ऑस्ट्रेलिया ने आक्रामक रुख अपनाया और लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए। भारतीय गोलकीपर सविता ने लगातार दो शानदार बचाव करते हुए ऑस्ट्रेलिया को बढ़त नहीं लेने दिया। थोड़ी ही देर बाद भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिली और गुरजीत कौर ने इस पर गोल दागते हुए भारत को 1-0 से आगे कर दिया। कौर का शॉट ऑस्ट्रेलियाई डिफेंडर की स्टिक से डिफलेक्ट होकर गया था।
गोलकीपर सविता ने किया अदभुत प्रदर्शन
भारत को जीत भले ही गुरजीत के गोल से मिली है, लेकिन उन्हें जिताने का असली श्रेय गोलकीपर सविता को मिलना चाहिए। सविता ने मैच में कुल नौ सेव किए जिसमें से सात पेनल्टी कॉर्नर थे। सविता को भारतीय डिफेंस का भी काफी अच्छा साथ मिला, लेकिन उन्होंने इस मैच में खुद को पूरी तरह झोंक दिया था। सविता ने गेंद को किसी भी कीमत पर गोलपोस्ट में नहीं जाने देने की ठान ली थी।
ऐतिहासिक है भारत की यह जीत
भारतीय महिलाओं के लिए यह केवल तीसरा ओलंपिक है। 1980 ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने के बाद भारतीय महिला टीम ने सीधे 2016 में ओलंपिक खेला था और 12वें स्थान पर रही थीं। ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो वे तीन बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। ऑस्ट्रेलिया जैसी तगड़ी टीम के खिलाफ नॉकआउट मुकाबले में इतना दमदार प्रदर्शन भारतीय फैंस के लिए काफी गर्व की बात है।